मनी

नईदिल्ली : छह महीने में जीएसटी दाखिल करने की सरलीकृत पद्धति

नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद ने अगले छह महीने में ज्यादा सरलीकृत मासिक रिटर्न दाखिल करने की नई पद्धति शुरू करने का फैसला लिया। हालांकि परिषद ने चीनी उपकर लगाने और डिजिटल भुगतान के लिए प्रोत्साहन देने को लेकर फैसला टाल दिया। जीएसटी परिषद की 27वीं बैठक में परिषद ने जीएसटीएन संरचना के स्वामित्व का अधिग्रहण करने का फैसला लिया। लेकिन चीनी पर उपकर लगाने और डिजिटल भुगतान पर दो फीसदी प्रोत्साहन देने के मसले पर विचार करने के लिए पांच-पांच वित्तमंत्रियों के दो अलग-अलग समूहों का गठन करने का फैसला लिया है।

छह महीने में ज्यादा सरलीकृत मासिक रिटर्न दाखिल करने की नई पद्धति शुरू करने का फैसला लिया

दोनों मंत्रिसमूह अपनी सिफारिश देगी। बैठक के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि परिषद द्वारा मंजूर की गई सरलीकृत रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में कंपोजीशन डीलर और शून्य लेन-देन वाले डीलर को छोड़ बाकी को हर महीने सिर्फ एक जीएसटी रिटर्न दाखिल करना होगा। कंपोजीशन डीलर व शून्य लेन-देन करने वाले डीलर हर तिमाही पर जीएसटी र्टिन दाखिल करेंगे। जेटली ने कहा कि लागत में इजाफा होने से गन्ना उत्पादक गंभीर संकट में हैं,

शून्य लेन-देन वाले डीलर को छोड़ बाकी को हर महीने सिर्फ एक जीएसटी रिटर्न दाखिल करना होगा

इसलिए परिषद ने दो दिन के भीतर पांच मंत्रियों के एक समूह का गठन करने का फैसला लिया है जो वस्तु की लागत विक्रय मूल्य से अधिक होने की स्थिति से निपटने के तरीकों को लेकर अपनी सिफारिश देगा। उन्होंने कहा कि मंत्रिसमूह की समिति अपनी रिपोर्ट दो हफ्ते के भीतर देगी। वित्तमंत्री जेटली ने कहा, जीएसटी परिषद ने जीएसटीएन संरचना के स्वामित्व में परिवर्तन पर विचार-विमर्श किया।

वस्तु की लागत विक्रय मूल्य से अधिक होने की स्थिति से निपटने के तरीकों को लेकर अपनी सिफारिश देगा

मूल संरचना के अनुसार 49 फीसदी हिस्सेदरी सरकारी की है और 51 फीसदी अन्य कंपनियों की। उन्होंने कहा, मैंने सुझाव दिया कि 51 फीसदी हिस्सेदारी के साथ सरकार को स्वामित्व ग्रहण करना चाहिए और इसे राज्यों और केंद्र के बीच वितरित किया जाना चाहिए। इस प्रकार केंद्र सरकार के पास 50 फीसदी और राज्यों के पास सामूहिक रूप से 50 फीसदी हिस्सेदारी होनी चाहिए। इसमें राज्यों का अनुपात जीएसटी संग्रह के अनुसार तय होगा।

राज्यों और केंद्र के बीच वितरित किया जाना चाहिए

जीएसटी परिषद ने पांच मंत्रियों का एक और समूह बनाने का फैसला लिया है जो डिजिटल भुगतान पर दो फीसदी प्रोत्साहन देने पर विचार कर अपनी सिफारिश देगा। हालांकि डिजिटल भुतान पर दो फीसदी छूट की ऊपरी सीमा 100 रुपये प्रति लेन-देन है। वर्तमान में केंद्र सरकार के पास 24.5 फीसदी और राज्य सरकारों के पास सामूहिक रूप से 24.5 फीसदी शेयर है जबकि बाकी 51 फीसदी गैर-सरकारी संस्थानों के पास है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button