देशबड़ी खबरें

नईदिल्ली : दुनिया चाहती है भारत का नेतृत्व: मोदी

नईदिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि दुनिया अब हिन्दुस्तान को इंतजार करते हुए नहीं देखना चाहती बल्कि अपेक्षा करती है कि वह दुनिया का नेतृत्व करे और देश को दुनिया की अपेक्षाओं पर खरा उतरना होगा.
प्रधानमंत्री ने ‘सेल्फ4सोसाइटी’ मंच के जरिए आईटी पेशेवरों एवं विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े लोगों को टाउनहॉल संबोधन में कहा कि रामायण में इस बात का उल्लेख है कि किस प्रकार एक गिलहरी ने रामसेतु के निर्माण में योगदान दिया था. इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि भगवान को भी एक गिलहरी के योगदान की जरूरत पड़ी.

ये खबर भी पढ़ें – नईदिल्ली : पीएम मोदी को मिली जान से मारने की धमकी

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में हम कितनी ही पहल करें, कितनी ही योजनाएं बनाएं, बजट दें लेकिन किसी भी पहल की सफलता लोगों की भागीदारी में निहित है.’’ मोदी ने कहा, ‘‘दुनिया भी अब हिन्दुस्तान को इंतजार करते हुए नहीं देखना चाहती, हिन्दुस्तान दुनिया को लीड करे इस अपेक्षा के साथ देख रही है.

हमें दुनिया की अपेक्षाओं पर खरा उतरना है.’’

स्वच्छ भारत अभियान के संदर्भ में एक पेशेवर के सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि स्वच्छ भारत अभियान के प्रतीक से जुड़ा चश्मा भी महात्मा गांधी का है और इसकी दृष्टि भी गांधी की ही है. उन्होंने कहा कि वह तो एक तरह से प्रायश्चित कर रहे हैं, स्वच्छता का जो कार्य चल रहा है, वह सेवा से ज्यादा प्रायश्चित है.

ये खबर भी पढ़ें – नईदिल्ली : पीएम मोदी ले रहे हैं ऑइल सेक्टर की बैठक

मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने वर्षों तक अपने आप को देश की आजादी के लिए खपा दिया. उन्होंने अपने नेतृत्व से देश के लिए स्वतंत्रता तो प्राप्त की लेकिन स्वच्छता हासिल नहीं हो पाई. उन्होंने कहा कि हम सभी इसके लिए जिम्मेदार हैं. ऐसे में वह एक बार फिर जोर देना चाहते हैं कि स्वच्छता गांधी की सोच है.

Narendra Modi Popularity

उन्होंने कहा कि गांव में महिलाओं को जब खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है तो उन्हें बहुत पीड़ा होती है. मोदी ने कहा कि कुछ काम सरकार नहीं कर सकती और जो काम सरकार नहीं कर सकती, वह संस्कार कर सकते हैं. स्वच्छता का विषय संस्कार से जुड़ा है. ऐसे में सरकार एवं संस्कार मिल जाए तो चमत्कार हो सकता है.

उन्होंने कहा कि वे सोशल मीडिया से जुड़े व्यक्ति हैं लेकिन जो सूचना परोसी जाती है, वे उसका शिकार नहीं होते हैं. जो सूचना उन्हें चाहिए वे उसे ढूंढकर प्राप्त करते हैं. उन्होंने कहा कि आज 25 से 40 वर्ष के बीच की जो पीढ़ी है, उसमें सहज भाव से काम करने की प्रेरणा है. इसमें सामुहिकता का भाव जुड़ जाए तो ताकत बनकर उभरती है. इसे एक मिशन से जोड़ लें तो परिवर्तन आना शुरू हो जाता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की तकदीर तकनीक में है और जो प्रौद्योगिकी युवाओं के पास है, वह भारत की तकदीर से जुड़ा है. उन्होंने ‘मैं नहीं हम’ पोर्टल के संदर्भ में कहा कि इसका अर्थ यह नहीं है कि ‘मैं’ को खत्म कर रहे हैं बल्कि ‘मैं’ का विस्तार है. इसका आशय स्व से समष्टि की ओर बढऩा है क्योंकि आखिर वृहद परिवार में आनंद का अनुभव होता है.

मोदी ने कहा कि वह देखते हैं कि भारत युवा प्रौद्योगिकी का शानदार ढंग से उपयोग कर रहा है और वह इसका न केवल अपने लिए कर रहे हैं बल्कि दूसरों के लिए भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे शानदार संकेत के रूप में देखता हूं.’’
मोदी ने कहा कि इस दिशा में प्रयास छोटा हो या बड़ा हो, उसे महत्व दिया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वयंसेवी प्रयासों के माध्यम से कृषि क्षेत्र में बहुत कुछ किया जा सकता है, युवाओं को हमारे उद्यम और किसानों के कल्याण के लिए काम करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि आज अधिक लोग कर चुका रहे हैं क्योंकि उन्हें विश्वास है कि उनके पैसे का उपयोग ठीक से और लोगों के कल्याण के लिए किया जा रहा है.
https://www.youtube.com/watch?v=1Fgj8Mmzciw

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button