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अगली बार इन मंत्रियों की हो सकती है छुट्टी,किसी का काम नहीं बोला तो कोई कुछ ज़्यादा ही बोल गया

नमस्कार दोस्तों, फोर्थ आई न्यूज़ में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है, दोस्तों भूपेश बघेल कैबिनेट में कई मंत्री हैं कुछ अपने विभाग में बेहतरीन काम कर रहे हैं तो कुछ का काम नज़र ही नहीं आता। ऐसे में आज हम आपके लिए एक पूर्वानुमान लेकर आए हैं जिसके मुताबिक भूपेश कैबिनेट में कुछ मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है और अगली बार उन्हें मौका मिलना बहुत मुश्किल है।

ताम्रध्वज साहू : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार गठन के समय सीएम फेस को लेकर जब पेंच फंसा हुआ था तब भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव के अलावा एक नाम और इस रेस में था और वो था ताम्रध्वज साहू का। जब तीनों को आलाकमान ने दिल्ली बुलाया तब दुर्ग में साहू समाज एकजुट होकर कांग्रेस पर ताम्रध्वज साहू को सीएम बनाने का दबाव बनाने लगा मगर इन सबके इतर बाज़ी भूपेश बघेल मार ले गए और ताम्रध्वज साहू को गृह एवं पर्यटन धर्मस्व विभाग का दायित्व सौंपा गया, मगर बीते दो सालों का रिकॉर्ड देखें तो प्रदेश में आपराधिक घटनाएं बढ़ीं हैं और कही न कही प्रदेश के गृहमंत्री होने के नाते ताम्रध्वज साहू पर भी सवाल खड़े हुए हैं ऐसे में यदि इस बार भी हमारे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आती है तो ताम्रध्वज साहू की मंत्रिमंडल से छुट्टी तय मानी जा रही है।

कवासी लखमा : कोंटा से विधायक और आदिवासियों के बीच अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले कवासी लखमा मौजूदा समय में हमारे प्रदेश के आबकारी मंत्री हैं, मगर जब से कवासी को यह प्रभार मिला है तब से लगातार प्रदेश में शराब की अवैध खेप पकड़ाने का सिलसिला लगातार जारी है। कवासी लखमा बहुत गंभीर विभाग के मंत्री हैं मगर यह गंभीरता उनके विभागीय कामकाज में नहीं दिखती, अपने बयानों के लिए अक्सर वो विपक्ष का सॉफ्ट टारगेट बन जाते हैं और प्रदेश में ऐसे मंत्री की छवि निर्मित कर चुके हैं जिनके बयानों को लेकर हमेशा मज़ाक बनता है कहीं ना कहीं आलाकामान भी उनके बयानों पर लगाम लगाने के लिए नाकाम है। ऐसे में अगली बार कांग्रेस की सरकार बनने पर लखमा की जगह किसी और को यह विभाग दिया जा सकता है।

मोहम्मद अकबर : मोहम्मद अकबर मौजूदा समय में कवर्धा से विधायक और प्रदेश के वन मंत्री हैं, वो पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता का भी दायित्व संभाल रहे हैं, अकबर हमेशा मीडिया से दूरी बनाए रखते हैं और बहुत ज़रूरी होने पर ही वो मेनस्ट्रीम मीडिया के सामने आते हैं। सूत्र खबर बताते हैं कि अकबर जिस विभाग के मंत्री हैं उससे सरकार को ज़्यादा राजस्व भी नहीं दिला पा रहे हैं। ऐसे में सीएम भूपेश भी उनसे उतने खुश नहीं हैं इसके अलावा मोहम्मद अकबर की राजनितिक मोर्चों में भी सक्रियता कम ही है। उनकी छवि मंत्री के पद के साथ उतना न्याय करती नहीं दिख रही है। ऐसे में अगली बार कांग्रेस की सत्ता बरक़रार रहने पर उन्हें भी मंत्रिमंडल में स्थान मिलना मुश्किल माना जा रहा है।

गुरु रूद्र कुमार : अहिवारा से कांग्रेस विधायक और प्रदेश सरकार में पीएचई मंत्री गुरु रूद्र कुमार एक बड़े जनसमर्थन का प्रतिनिधित्व करते हैं मगर हाल ही में हुए छग विधानसभा के शीतकालीन सत्र में वो अपने ही विभाग के चलते बुरी तरह घिर गए और विपक्ष के सवालों का सही तरह से जवाब नहीं दे पाए इसके अलावा गुरु रूद्र कुमार पर उनके विभागीय कामकाज में भ्रष्टाचार के आरोपों में भी वो घिरे हुए हैं उनका सरकार में मंत्रिमंडल में शामिल होने से इतर और कोई दायित्व भी नज़र नहीं आता, इस वजह से अगली बार उन्हें दोबारा मौका मिलना भी ना के बराबर ही है।

तो दोस्तों, हमारे पूर्वानुमान के मुताबिक यह वो मंत्री हैं जिनकी अगली बार मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है, मगर इन्हें लेकर आपकी क्या राय है और क्या इनके अलावा आप भूपेश कैबिनेट में और कोई ऐसा चेहरा देखते हैं जो मंत्रिमंडल से बाहर हो सकता है।

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