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डॉ. हरिवंशराय बच्चन की पुण्यतिथि पर भोपाल के दुष्यंत संग्रहालय में बच्चन साहब के 100 पत्र मिले, आज उनके नाम से पत्र कक्ष भी बनेगा

साहित्य में ही यह संभव है कि लोगों के लड़खड़ाते कदमों के लिए जिसे कोसा जाता हो, उसमें भी एकता व धार्मिक सौहार्द की भावना ढूंढ ली जाए। कलम का ऐसा जादू डॉ. हरिवंश राय बच्चन के अलावा और कहां देखने को मिलता है। जिन्होंने सरलता और सहजता के साथ जीवन दर्शन को प्रस्तुत किया। ‘मधुशाला’ जैसी कालजयी रचना लिखी।
हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर और महानायक अमिताभ बच्चन के पिता डॉ. हरिवंश राय बच्चन के व्यक्तित्व की खासियत थी कि वह अपने मित्रों और प्रशंसकों के पत्रों का जवाब पत्रों से ज़रुर देते थे। उनके लिखे ऐसे ही सैकड़ों पत्र भोपाल के दुष्यंत कुमार पांडुलिपि संग्रहालय को प्राप्त हुए हैं। जिसे वो 18 जनवरी को डॉ. हरिवंशराय बच्चन की पुण्यतिथि पर उनके प्रशंसकों के लिए संग्रहालय में डिस्प्ले करेंगे।