नई दिल्ली : पेट्रोलियम कंपनियों ने बुधवार शाम स्पष्ट किया कि सरकार ने अगले महीने कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर उनसे पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी को टालने का कोई निर्देश नहीं दिया है. इंडियन आयल कारपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन के शीर्ष अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इससे पहले, दिनभर यह खबर चर्चा में रही कि पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती हो सकती है और सरकार ने तेल कंपनियों को निर्देश दिया है. हालांकि न तो सरकार की ओर और न ही तेल कंपनियों की ओर कोई आधिकारिक बयान आया है.
सरकार ने अनौपचारिक तौर पर सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों से गुजरात में दिसंबर, 2017 में हुए चुनावों के मद्देनजर पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाने को कहा था. कुछ लोगों का कहना है कि उस समय पेट्रोल और डीजल कीमतों में 45 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी होनी थी , जो नहीं की गई.
इस बार इंडियन आयल कारपोरेशन (आईओसी), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लि. (एचपीसीएल) तथा भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लि. (एचपीसीएल) को एक रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरीए का बोझ खुद वहन करने को कहा गया है. आईओसी के चेयरमैन संजीव सिंह ने आईईएफ मंत्री स्तरीय बैठक के मौके पर संवाददाताओं से अलग से बातचीत में कहा, ‘‘ हमें सरकार से मूल्यवृद्धि टालने के लिए कुछ नहीं कहा गया है.’’
एचपीसीएल के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक एम के सुराना ने भी कहा कि कंपनी को इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि पेट्रोलियम कंपनियों से कीमतें नहीं बढ़ाने को कहा गया है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सरकार के इस निर्देश के बारे में कुछ नहीं कहा. यह खबर आने के बाद कि सरकार ने पेट्रोलियम कंपनियों से दाम नहीं बढ़ाने को कहा है , आईओसी का शेयर 7.6 प्रतिशत टूटा. एचपीसीएल का शेयर 8.3 प्रतिशत नीचे आया. सरकार ने जून, 2010 में पेट्रोल कीमतों को नियंत्रणमुक्त किया था. अक्टूबर, 2014 में डीजल कीमतों को भी नियंत्रणमुक्त कर दिया गया.
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