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छत्तीसगढ़ में अश्लील सीडी कांड: ‘आका’ से ‘राम’ और अब ‘राम’ से ‘रमन’ तक, जानिए कब-क्या हुआ?

एक अश्लील सीडी, थाने में बगैर किसी का नाम लिए शिकायत. आनन फानन में देश के एक वरिष्ठ पत्रकार की गिरफ्तारी, सीडी के प्रमुख किरदार का नाम कद्दावर मंत्री से जुड़ना, विपक्ष का हंगमा और सत्ता पक्ष की सफाई. मामले की जांच देश के सर्वोच्च एंजेसियों में से एक सीबीआई को सौंपना. फिर तार हाई प्रोफाइल लोगों से जुड़ते जाना. ये किसी फिल्म की सुनियोजित कहानी जैसी लगती है, जिसमें सस्पेंस, कंट्रोवर्सी, ड्रामा और इमोशन भी है. लेकिन ये किसी फिल्‍म की कहानी नहीं. हकीकत है.

छत्तीसगढ़ की राजनीति में 27 अक्टूबर 2017 को अचानक तब भूचाल आ गया, जब एक मंत्री की अश्लील सीडी रखने व ब्लैकमेल करने के आरोप में देश के वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार किया गया. छत्तीसगढ़ की पुलिस द्वारा विनोद वर्मा की गिरफ्तारी उनके गाजियाबाद स्थित घर से 27 अक्टूबर की अल सुबह ही कर ली गई. इसके बाद दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर तक सियासी हड़कम्प मच गया. लेकिन सियासी हड़कम्प की भूमिका एक दिन पहले 26 अक्टूबर को रायपुर के पंडरी पुलिस थाने में दर्ज हुई एक एफआईआर के बाद से ही बननी शुरू हो गई थी.

26 अक्टूबर 2017 को रायपुर के पंडरी पुलिस थाने में प्रकाश बजाज नाम के एक व्यक्ति ने फोन पर धमकी देने की शिकायत दर्ज की थी. भाजपा पदाधिकारी प्रकाश बजाज ने अपनी शिकायत में लिखा ” फोन पर ‘तुम्हारे आका का अश्लील वीडियो हमारे पास है’ कहकर धमकाया गया और इसके एवज में पैसे की मांग की गई. पैसा नहीं देने पर सीडी वितरित करने की धमकी दी गई.”

रायपुर के पंडरी थाने में ये एफआईआर 26 अक्टूबर की दोपहर करीब साढ़े तीन बजे दर्ज की गई. इसके 11 घंटे के भीतर ही 27 अक्टूबर को गाजियाबाद से पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी तक ये सस्पेंस बरकरार था कि शिकायर्ता ने जिस आका का जिक्र एफआईआर में किया है, वो कौन है?

27 अक्टूबर को गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में पुलिस कस्टडी में मीडिया के सामने विनोद वर्मा ने कह दिया कि उनके पास छत्तीसगढ़ के एक मंत्री राजेश मूणत की सेक्स सीडी है. गाजियाबाद में दिए गए इस बयान के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूकम्प आ गया. मंत्री के नाम को लेकर कंट्रोवर्सी और पॉलीटिकल ड्रामा शुरू हो गया. विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने इसी दिन प्रेस कॉफ्रेंस लेकर पत्रकार की गिरफ्तारी को लोकतंत्र की हत्या बताया और मंत्री राजेश मूणत के इस्तीफे और मामले की सीबीआई जांच की मांग की.

पहले प्रेस कॉंफ्रेंस फिर दर्ज कराई एफआईआर
कथित अश्लील सीडी में रमन सरकार में मंत्री राजेश मूणत का नाम आने पर सरकार ने मोर्चा संभाला. 27 अक्टूबर 2017 को ही दोपहर करीब 3 बजे मंत्री राजेश मूणत सहित मंत्री अजय चन्द्राकर, बृजमोहन अग्रवाल, भाजपा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक व अन्य ने रायपुर में प्रेस कॉंफ्रेंस की. इसमें अश्लील सीडी को फर्जी बताया. राजेश मूणत ने इस घटना को उनकी राजनीतिक हत्या करने का प्रयास बताया. इसके बाद शाम करीब पांच बजे मंत्री राजेश मूणत के साथ सरकार के अन्य मंत्री व भाजपा पदाधिकारी रायपुर के सिविल लाइन थाने पहुंच और पत्रकार विनोद वर्मा व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई. अब के सीएम भूपेश बघेल पर तब सीडी बांटने का आरोप भी लगा.

मंत्री मूणत के घर जोरदार हंगामा
तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस व अन्य राजनीतिक दलों ने 28 अक्टूबर 2017 को रायपुर में जोरदार प्रदर्शन किया. मंत्री राजेश मूणत के बंगले के बाहर दिनभर तनाव का माहौल था और उनके बंगले में लगे नाम पट्टिका पर स्याही भी पोत दी गई. हंगामा शांत करने पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा.

Protest in munat home

भूपेश बघेल के बंगले में फेंके गोबर व चप्‍पल
भाजपा सरकार के मंत्री की छवि धूमिल करने के आरोप में 29 अक्टूबर 2017 को भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने रायपुर में भूपेश बघेल के बंगले के बाहर जोरदार प्रदर्शन् किया. भूपेश बघेल के बंगले में गोबर व जूते चप्पल भी फेंके गए. इस हंगामे के दौरान पुलिस बेबस नजर आई. इसके बाद 4 नवंबर को रायपुर में कांग्रेस के एक सम्मेलन में भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया और चूड़ियां फेंकी.

सरकार ने मामला सीबीआई को सौंपने का लिया निर्णय
लगातार हंगामें के बाद तब के रमन सरकार ने 29 अक्टूबर 2017 को कैबिनेट की बैठक बुलाई और अश्लील सीडी मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया. सरकार ने कांग्रेस की मांग के आधार पर जांच सीबीआई से करवाने की बात कही. इस बीच 29 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ पुलिस मामले में गिरफ्तार पत्रकार विनोद वर्मा को गाजियाबाद से सड़क मार्ग से रायपुर लेकर पहुंची. रायपुर की पंडरी पुलिस ने आईपीसी की धारा 384, 507 के तहत विनोद वर्मा पर मामला दर्ज किया था.

सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर और पुलिस की थ्योरी पर संदेह
अश्‍लील सीडी मामले में सीबीआई ने दिल्ली ब्रांच से 12 दिसंबर 2017 को दो एफआईआर दर्ज की. सीबीआई ने एक एफआईआर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल और वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा सहित अन्य के खिलाफ अश्लील सामाग्री के प्रचार के लिए मामला दर्ज किया. दूसरी एफआईआर में ब्लैकमेलिंग के लिए अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया. मतलब साफ था कि ब्लैकमेलिंग के मामले में सीबीआई भी विनोद वर्मा को आरोपी नहीं मान रही थी, लेकिन रायपुर पुलिस ने विनोद वर्मा को इसी आरोप गिरफ्तार भी कर लिया और उन्होंने करीब दो महीने जेल में भी बिताए

विनोद वर्मा को जमानत
अश्लील सीडी मामले में वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तारी के करीब दो महीने बाद 29 दिसंबर 2017 को रायपुर कोर्ट से जमानत पर रिहा किया गया. दो महीने से जेल में बंद वर्मा को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट से राहत मिली. गिरफ्तारी के 60 दिन के भीतर पुलिस चालान पेश करने में असफल रही, जिसके चलते कोर्ट ने वर्मा को जमानत दी.

journalist Vinod Verma

सीबीआई की जांच में सामने आए कई नाम
अश्लील सीडी मामले में सीबीआई ने 12 दिसंबर 2017 के बाद से अपनी जांच के दायरे को बढ़ाया. सीबीआई ने मामले में कई नेता, उद्योगपति, व्यापारी व पत्रकारों से पूछताछ की. सूत्रों के मुताबिक मामले से जुड़े लोगों के फोन कॉल, सीसीटीवी फुटेज व अन्य दस्तावेजों की जांच की गई. इस दौरान कई नामी लोगों को भी पूछताछ के लिए सीबीआई ने तलब किया. सीबीआई की जांच में ही तत्कालीन भाजपा नेता कैलाश मुरारका, व्यावसायी विजय भाटिया, सीडी व्यावसायी मानस साहू सहित अन्य को आरोपी बनाया गया.

कवरेज कर रहे पत्रकारों को भी बुलाया
सीबीआई ने मामले की कवरेज करने वाले पत्रकारों को भी पूछताछ के लिए बुलाया. पत्रकारों से कथित अश्लील सीडी की जानकारी कहां से मिली? सीडी के लिए किसी ने फोन कॉल किया था? क्या किसी ने अश्लील सीडी उपलब्ध करवाई थी? जैसे तमाम सवाल किए गए. सीबीआई के बार बार पूछताछ को लेकर कुछ पत्रकारों ने आपत्ति भी जताई. मामले में कई पत्रकारों को सीबीआई ने गवाह भी बनाया है.

पूछताछ के बाद रिंकू खनूजा ने की आत्महत्या
अश्लील सीडी मामले से कथित तौर पर जुड़े रायपुर के एक व्यावसायी रिंकू खनूजा ने 4 जून 2018 को रायपुर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. रायपुर के सिविल लाइन निवासी ऑटो मोबाइल और हॉटल व्यवसायी रिंकू खनूजा के परिजनों ने सीबीआई पूछताछ से परेशान होकर आत्महत्या करने का आरोप लगाया. कांग्रेस ने मामले में गंभीर जांच की मांग की.

आई ने पेश की चार्जशीट और भूपेश बघेल गिरफ्तार
सीबीआई ने अश्लील सीडी मामले में 24 सितंबर 2018 को कोर्ट में चार्जशीट पेश की. इस चार्जशीट में अश्लील सीडी मामले में सीबीआई ने तत्कालीन भाजपा नेता कैलाश मुरारका को मुख्य आरोपी बनाया. इस मामले में पत्रकार विनोद वर्मा पर पुलिस द्वारा लगाए गए ब्लैकमेलिंग के आरोप को सही नहीं माना गया. हालांकि इस मामले में विनोद वर्मा व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बघेल को अश्लील सीडी के प्रचार प्रसार का आरोप लगा है. मामले में विनोद वर्मा ने जमानत ले ली, लेकिन भूपेश बघेल ने जमानत लेने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल कर दिया गया.

कांग्रेस का जेल भरो आंदोलन और मुरारका के ‘राम’
अश्लील सीडी मामले में भूपेश बघेल के जेल दाखिल होने के बाद राजनीति फिर से गर्म हो गई. विरोध में कांग्रेस ने प्रदेशभर में 25 सितंबर को जेल भरो आंदोलन किया. इसके बाद 26 अक्टूबर 2018 मामले के मुख्य आरोपी कैलाश मुरारका ने कोर्ट में सरेंडर किया और निजी मुचलके पर जमानत ली. जमानत के बाद मुरारका ने एक बयान दिया, जिसके बाद फिर से सस्पेंस क्रिएट हो गया है. कैलाश मुरारका ने कहा कि ” मुझे मामले में फंसाया जा रहा है. मैं समाज के मुखिया को राम समझता था. उनके परिवार को पूजता था, लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि वो रावण निकलेंगे. मामले में वो गवाह बन गये हैं.” इस बयान के बाद से सवाल खड़े हो रहे हैं कि मुख्य आरोपी का राम कौन है?

कांग्रेस के आला कमान के कहने पर 27 सितंबर गुरुवार को भूपेश बघेल जमानत की अर्जी लगाने के लिए राजी हो गए. भूपेश बघेल को जमानता भी मिल गई. इस बीच भाजपा व कांग्रेस की ओर से बयानबाजी का दौर भी चलता रहा. सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस की मांग पर ही सीबीआई जांच कराई जा रही है. अब सीबीआई की कार्रवाई पर कांग्रेस को आपत्ति है. कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया ने भूपेश बघेल को मामले में निर्दोष बताया.

क्या जद में आएंगे डॉ. रमन सिंह?
बहुचर्चित सीडी कांड में सियासी हड़कंप मचाने वाली एक और घटना 4 जनवरी 2019 में हुई. मामले में मुख्य आरोपी कैलाश मुरारका ने सीबीआई कोर्ट में शपथ पत्र देकर मामले में नए सिरे से जांच की मांग की है. शपथ पत्र में मुरारका ने आरोप लगया है कि अश्लील सीडी मामले की जानकारी तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को पहले से थी. डॉ. रमन सिंह के ओएसडी अरुण बिसेन ने ही इस सीडी को साढ़े 4 करोड़ रुपये में आरोपी रिंकू खनूजा और विजय पंड्या से खरीदी थी.

मुंबई के निजी होटल में डील
आरोपी कैलाश मुरारका के मुताबिक साल 2017 अगस्त महीने में यह बात सीएम हाउस के ध्यान में आई कि सुरेश गोयल (छ्त्तीसगढ का बड़ा उद्योगपति, और रमन सिंह के करीबियों में से एक) लवली खनूजा नामक व्यक्ति से 5 करोड़ रुपये में एक मंत्री की अश्लील सीडी खरीद रहा है. मुरारका के मुताबिक सीएम हाउस के कहने पर उसने इस मामले में लवली खनूजा के रिश्तेदार रिंकू खनूजा से मुंबई में मुलाकात की, लेकिन रिंकू ने बताया कि उसके और लवली के पास किसी मंत्री की कोई सही अश्लील सीडी नहीं है. सुरेश गोयल सिर्फ डॉ. रमन सिंह से पिछले कई वर्षों से पैसे वसूल रहा है. कैलाश ने यह सारी जानकारी सीएम हाउस और मुख्यमंत्री के ओएसडी अरुण बिसेन को बताई, लेकिन वो नहीं माने और उन्होंने खुद उसके साथ मुंबई चलकर सच्चाई जानने की बात कही. जिसके बाद 24 अगस्त 2017 को मुंबई के होटल सहारा स्टार में अरुण बिसेन की रिंकू और लवली से मुलाकात हुई. जब अरुण बिसेन इस चीज से संतुष्ट हो गए कि सीडी फर्जी है, उसके बाद हम दोनों लौटकर रायपुर आ गए.

पिक्चर अभी बाकी है?
बहरहाल सस्पेंस, कॉट्रोवर्सी, ड्रामा, इमोशन से भरपूर छत्तीसगढ़ सेक्स सीडी केस में सीबीआई की जांच जारी है. मामले में आगे कई और खुलासे हो सकते हैं. केस में कई अहम सवालों के जवाब भी मिलने बचे हैं. मसलन मामले के मुख्य आरोपी कैलास मुरारका ने मीडिया से चर्चा में राम और रावण किसे कहा था? क्या इस मामले में कोई और हाई प्रोफाइल नाम शामिल है? क्या इस मामले में किसी राजनेता और उद्योगपतियों के आपसी षड़यंत्रकारी संबंधों की भूमिका है? डॉ. रमन सिंह को मामले की जानकारी होने को लेकर कैलाश मुरारका के आरोपों में कितनी सच्चाई है? सेक्स सीडी कांड में क्या कोई और बड़े खुलासे होंगे?

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