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दिल्ली पहुंचते ही पुतिन का विमान बना दुनिया का सबसे ज्यादा ट्रैक किया गया एयरक्राफ्ट

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का विमान गुरुवार को चर्चा में छा गया, जब यह दुनिया की सबसे ज्यादा ट्रैक की जाने वाली उड़ान बन गया। एक समय ऐसा आया जब 49 हजार से अधिक लोग FlightRadar24 पर इस सरकारी विमान की हर मूवमेंट पर नजर रख रहे थे। प्लेटफ़ॉर्म ने पुष्टि की कि उनकी साइट पर सबसे ज्यादा ट्रैक की जाने वाली फ्लाइट वही थी, जो भारत की ओर बढ़ रही थी।

शाम करीब 7 बजे, पुतिन का विमान दिल्ली के पालम एयरफोर्स स्टेशन पर उतरा। दिलचस्प बात यह रही कि फ्लाइट डेटा में मॉस्को से दिल्ली की ओर दो रूसी सरकारी विमान दिखाई दिए—दोनों कभी ट्रांसपोंडर ऑन करते और कभी ऑफ। सुरक्षा कारणों से ऐसा किया जाता है, ताकि यह पहचान मुश्किल हो सके कि वास्तविक राष्ट्रपति का विमान कौन सा है। ट्रांसपोंडर विमान की लोकेशन और जरूरी तकनीकी जानकारी एटीसी तक भेजने वाला उपकरण होता है।

FlightRadar24 के अनुसार यह डेटा शाम 6:53 बजे रिकॉर्ड किया गया था।

किस रूट से भारत पहुंचे पुतिन?

पुतिन के विमान RSD369 ने मॉस्को से उड़ान भरने के बाद कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के एयरस्पेस से होते हुए भारत में प्रवेश किया। पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र को पार करने के बाद यह विमान राजस्थान के रास्ते भारतीय सीमा में दाखिल हुआ।

पुतिन का विमान इतना खास क्यों?

दुनिया के सबसे सुरक्षित नेताओं में शुमार पुतिन यात्रा के दौरान अपनी बुलेटप्रूफ Aurus Senat कार और अपने खास राष्ट्रपति विमान Ilyushin IL-96-300PU के साथ चलते हैं। इस विमान को सुरक्षा और कमांड की उच्चतम जरूरतों के अनुसार डिजाइन किया गया है और इसे ‘फ्लाइंग क्रेमलिन’ भी कहा जाता है।

इसे ‘फ्लाइंग क्रेमलिन’ क्यों कहा जाता है?

1980 के दशक में विकसित IL-96-300 मॉडल ने 28 सितंबर 1988 को पहली उड़ान भरी थी। राष्ट्रपति के लिए बनाए गए इसके विशेष PU संस्करण में मिसाइल-डिफेंस सिस्टम, सुरक्षित कम्युनिकेशन रूम, सैटेलाइट लिंक, और वह तकनीक शामिल है जो विमान को हवा में ही कमांड सेंटर में बदल सकती है। यही तकनीकी मजबूती इसे उड़ता हुआ क्रेमलिन बनाती है।

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