रायपुर : राजिम माघी पुन्नी मेला के त्रिवेणी संगम पर संत समागम के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू का जनता से माफी मांगना प्रदेश की संस्कृति की पहचान राजिम कल्प कुंभ का नाम बदलकर राजिम माघी पुन्नी मेला किए जाने की छत्तीसगढ़ सरकार के गलत निर्णय और इस निर्णय से कही न कहीं राजिम माघी पुन्नी मेला की सु-व्यवस्थित संचालन में कमी को प्रदर्शित करता है।
ये खबर भी पढ़ें – रायपुर निगम की सामान्य सभा में उठा किराए के टैंकर का मामला
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीचंद सुन्दरनी ने कहा कि हमारी सरकार ने राजिम कल्प कुंभ के नाम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति और राजिम को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का काम किया था। राजिम कल्प कुंभ के बेहतर आयोजन के चलते प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में देश-विदेश से सैलानी पुण्य स्नान के लिए आया करते थे। भाजपा प्रवक्ता सुन्दरानी ने आरोप लगाया है कि जिस नाम से छत्तीसगढ़ संस्कृति की पहचान बनी हुई थी उस नाम को बदलकर वर्तमान की भूपेश सरकार ने प्रदेश की संस्कृति और पहचान के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि राजिम माघी पुन्नी मेला के आयोजन में आयी कमियों का एहसास जनता महसूस कर रही है और आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू को भी हो गया शायद इसी लिए कार्यक्रम स्थल पर जनता को संबोधित करने की बजाय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने उद्बोधन में आयोजन में आयी कमियों, व्यवस्थाओं और जो त्रुटियां रह गई हैं उसके लिए जनता से माफी मांगते दिखे।
ये खबर भी पढ़ें – रायपुर: 1 अप्रैल से कई शराब दुकानें होगी बंद
संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू जी को देर से ही सही परन्तु अपनी और उनके सरकार की गलती का एहसास हो गया शायद इसीलिए उन्होंने चार-चार बार माफी मांगी है और पहली बार आयोजन का हवाला देते अपनी जिम्मेदारियों से बचते दिखे।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हमारी सरकार ने 15 वर्षों तक छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ की संस्कृति को हमेशा आगे बढ़ाने का काम किया है। भाजपा ने छत्तीसगढ़ सरकारा द्वारा राजिम कल्प कुंभ के नाम बदलने पर सदन में कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई थी। भाजपा ने सरकार को भी आगाह किया था कि राजिम छत्तीसगढ़ की पहचान है इस प्रकार का निर्णय प्रदेश की संस्कृति और पहचान के लिए उचित नहीं हैं, परन्तु बदलापुर की राजनीतिक भावनाओं के साथ प्रदेश चलाने को आतुर, पूर्व की सरकार के कार्यों को अपना बताकर लोकार्पण करने और नाम पट्टिका लगाने वाली यह सरकार केवल पूर्व के सरकार के अच्छे कार्यों को कभी नाम बदलकर और कभी सवाल खड़ाकर कर छत्तीसगढ़ की संस्कृति और पहचान को मिटाने की ओर सत्ता के मद में अग्रसर हो रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश की जनता प्रदेश की संस्कृति और पहचान के साथ खिलवाड़ करने वालों को कभी माफ नही करने वाली है।