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रायपुर में धरना-प्रदर्शन पर शुल्क लागू, लोकतंत्र पर सवाल उठने लगे

रायपुर नगर निगम ने सार्वजनिक स्थानों पर धरना-प्रदर्शन और पंडाल लगाने के लिए नया शुल्क लागू कर दिया है। नगर निगम ने तय किया है कि धरना-प्रदर्शन के लिए 500 रुपए और पंडाल लगाने के लिए 5 रुपए प्रति वर्ग फुट का शुल्क देना होगा।

नवा रायपुर स्थित तूता धरनास्थल पर पहले से ही प्रदर्शन पर रोक है, लेकिन इस नए नियम ने कई संगठनों और नेताओं को नाराज कर दिया है। उनका आरोप है कि यह कदम जनता की आवाज़ दबाने की कोशिश है, जिससे लोग खुलेआम विरोध नहीं कर पाएंगे।

महापौर मीनल चौबे ने स्पष्ट किया कि धरना-प्रदर्शन के दौरान नगर निगम को साफ-सफाई और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च करना पड़ता है, इसलिए यह शुल्क जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन मार्ग की जानकारी रखना और सफाई की जिम्मेदारी निभाना भी नगर निगम की प्राथमिकता है।

विरोध में, कई संगठनों ने कहा कि धरना-प्रदर्शन पर शुल्क लगाना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। किसान नेता तेजराम विद्रोही ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कहा कि जनता की आवाज़ को जबरन रोका गया तो विरोध और तेज होगा। उन्होंने इस आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग की।

जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में शुल्क 500 रुपए है, लेकिन इसे बढ़ाकर 1000 रुपए तक करने का प्रस्ताव भी सामने है, जिसे निगम की सामान्य सभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया।

नवा रायपुर में धरना-प्रदर्शन पर अस्थायी रोक:

अटल नगर में रखरखाव कार्य के कारण अगले दो महीने तक कोई धरना-प्रदर्शन नहीं हो सकेगा। रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने इस आदेश की पुष्टि की है। इस दौरान जिला प्रशासन ने किसी अन्य स्थल पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है।

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