
रायपुर, गर्मी से बेहाल प्रदेशवासियों के लिए इस बार राहत की खबर है। आज से प्रारंभ हुआ नौतपा के बाद भी अधिकतम तापमान का आंकड़ा 45 डिग्री से ऊपर नहीं जाएगा। इस दौरान प्रदेश में कहीं-कहीं पर अंधड़-बारिश का दौर बना रहेगा, जिसके चलते तापमान में ज्यादा वृद्धि नहीं होगी.
मान्यता अनुसान नौ तपों में पड़ती है सबसे तेज गर्मी
आमतौर पर माना जाता है कि नौतपा में नौ दिनों तक सर्वाधिक गर्मी पड़ती है, इस दौरान सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी पड़ती है, जिसके चलते धरती बुरी तरह से तपती है। मान्यता यह भी है कि नौतपा में धूप और गर्मी जितनी अधिक पड़ती है, बारिश भी उतनी ही मजबूत रहती है और चौतरफा बारिश होती है। लेकिन बीते कुछ सालों से यह मान्यता भी अब धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। पिछले दो दशकों का रिकार्ड देखने से यही बात सामने आ रही है कि नौतपा में अब धरती उतनी नहीं तपती जितनी पूर्व में तपा करती थी.
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कांक्रीट का जंगल पसार रहा है पांव
इसके अलावा बारिश की स्थिति भी पिछले दो दशकों में काफी बदल चुकी है। पर्यावरणविद इसे गंभीरता से लेते हैं। बारिश की असामान्य स्थिति और अल्पवर्षा से लेकर अतिवर्षा के हालात जलवायु परिवर्तन की ओर संकेत कर रहा है। पर्यावरणविद इसे एक बड़ी चेतावनी बता रहे हैं। बावजूद इसके विकास के नाम पर कंक्रीट का जंगल तेजी से अपना पांव पसार रहा है.
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45 डिग्री से नीचे रहा पारा
बहरहाल मौसम विभाग का पूर्वानुमान यही है कि इस वर्ष प्रदेश में नौतपा में अपेक्षाकृत तपन कम होगी। इस वर्ष नौतपा के पूरे नौ दिनों के दौरान द्रोणिका, चक्रवाती सिस्टम और नमीयुक्त हवा आने से अधिकतम तापमान का आंकड़ा 45 डिग्री के भीतर बना रहेगा। यह प्रदेशवासियों के लिए राहत भरी खबर है, जबकि इस सीजन में अधिकतम तापमान का आंकड़ा 46 डिग्री तक भी रिकार्ड किया गया है। बहरहाल प्रदेश में आ रही नमीयुक्त हवा और द्रोणिका, चक्रवात के असर से गर्मी का यह सीजन अब उतनी तखलीफदेह नहीं रहेगी।