रायपुर : मानसून सत्र-2018 के समापन पर विधान सभा अध्यक्ष का उद्बोधन
रायपुर : चतुर्थ विधान सभा का सोलहवां सत्र दिनांक 2 जुलाई 2018 से 6 जुलाई 2018 के मध्य आहुत रहा, यह सत्र इस विधानसभा का अंतिम सत्र भी है। इस सत्र में कुल 5 बैठकें सम्पन्न हुई जिसमें लगभग 31 घंटे चर्चा हुई। 5 जुलाई 2018 को आयोजित चतुर्थ विधानसभा के सदस्यों के सम्मान समारोह एवं उत्कृष्टता अलंकरण के अवसर पर मुख्यमंत्री, नेताप्रतिपक्ष एवं संसदीय कार्यमंत्री द्वारा जो भावनाएं व्यक्त कीं,
उन्हीं भावनाओं से पुन: अपने आपको जोड़ते हुए केवल इतना कहना चाहता हूं कि लोकतंत्र में राजनैतिक दलों को अपनी दलीय प्रतिबद्धताओं से ऊपर उठकर राज्य और राष्ट्र के विकास में हम सभी जनप्रतिनिधियों को अग्रसर होना चाहिए।
चतुर्थ विधानसभा के लिये वरिष्ठतम सदस्य सत्यनारायण शर्मा को जागरूक विधायक के रूप में सम्मानित किया गया, इस हेतु मैं उनका हार्दिक अभिनंदन करता हूं तथा वर्ष 2014 में पक्ष से देवजी भाई पटेल, प्रतिपक्ष से मोतीलाल देवांगन,
वर्ष 2015 में पक्ष से शिवरतन शर्मा, प्रतिपक्ष से धनेन्द्र साहू, वर्ष 2016 में पक्ष से श्रीमती सरोजनी बंजारे, प्रतिपक्ष से कवासी लखमा एवं वर्ष 2017 में पक्ष से राजमहंत सांवलाराम डाहरे एवं प्रतिपक्ष से मोहन मरकाम को उत्कृष्ट विधायक के रूप में चयनित किया गया था, इन सभी का भी हार्दिक अभिनंदन करता हूं । इसी प्रकार सभी उत्कृष्ट विधायकों, पत्रकारों एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के रिपोर्टर एवं जागरूक विधायक को अपनी ओर से एवं सदन की ओर से बधाई देता हूं तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं ।
इस संबंध में, मैं यह रेखांकित करना आवश्यक समझता हूं कि चतुर्थ विधानसभा में जिन 8 विधायकों को उत्कृष्ट विधायक के लिये चयनित किया गया उनमें से तीन विधायक प्रथम बार विधानसभा के लिये चुनकर आये हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ की चतुर्थ विधानसभा में लगभग 59 प्रतिशत सदस्य प्रथम बार निर्वाचित होकर विधायक बने परंतु अपनी मेहनत, लगन और समर्पण से प्रत्येक अवसर पर अपनी संसदीय योग्यता की श्रेष्ठता को सदन में स्थापित किया,
निश्चित ही नये सदस्यों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें भी बधाई देता हूं । चतुर्थ विधानसभा की उपलब्धियों के क्रम में यह भी महत्वपूर्ण उपलब्धि रही कि चतुर्थ विधानसभा के कार्यकाल में प्रदेश के लगभग एक लाख से अधिक नागरिकों ने विधानसभा की कार्यवाही का प्रत्यक्ष अवलोकन किया। प्रत्येक सत्र में सदन की कार्यवाही देखने वालों की संख्या में हो रही उत्तरोत्तर वृद्धि राज्य में आमजनों में विकसित होती हुई संसदीय सोच का वंत प्रमाण है
तथा राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजना ’’हमर छत्तीसगढ़’’ के तहत त्रिस्तरीय पंचायत के पदाधिकारी, सहकारिता, और महिला स्वसहायता समूह के लगभग 1,65,000 (एक लाख पैसठ हजार) प्रतिनिधियों ने विधानसभा का भ्रमण किया। चतुर्थ विधानसभा के कार्यकाल में हमारे लिये यह भी उपलब्धि है कि इस अवधि में ही प्रश्नकाल का सीधा प्रसारण आरंभ हुआ निश्चित ही हमारे इस प्रयास से संसदीय सदन की व्यापकता को विस्तार मिला।
राज्य के आमजनों को राज्य की सर्वोच्च पंचायत विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण देखने का अवसर प्राप्त हुआ। चतुर्थ विधानसभा की उपलब्धियों में यह भी महत्वपूर्ण उपलब्धि रही कि 2 जुलाई 2018 से विधानसभा की वेबसाईट पर सदन की अशोधित कार्यवाही उसी दिवस वेबसाईट पर अपलोड किया जाना प्रारंभ हुआ है। सत्र के दौरान दिनांक 4 जुलाई, 2018 को सदस्यों ने विधानसभा परिसर में वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की तथा हरिहर छत्तीसगढ़ की तरफ अग्रसर हुए।
छत्तीसगढ़ का सदन संसदीय मूल्यों के संरक्षण और संवर्धन के लिये स्थापित मापदंड तथा पंच-परमेश्वर की पुनीत भावना से अनुप्राणित हमारी संसदीय शासन प्रणाली का आदर्श रूप छत्तीसगढ़ विधानसभा के कार्यकरण में देखा और समझा जा सकता है। इसका यह उदाहरण है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्यों द्वारा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कई अवसरों पर प्रदेश हित में सर्वसम्मति से निर्णय भी लिये गये। सदन के संचालन की अपनी एक सीमा होती है
तथा उसी सीमा में मैंने आपके द्वारा उठाये गये विषयों को सदन में उठाने का अवसर देने का प्रयत्न किया तथा अपने अध्यक्षीय कार्यकाल के प्रथम दिवस से आज दिवस तक मेरी हमेशा यह कोशिश रही है कि मैं आपकी भावनाओं को यथोचित सम्मान दे सकंू तथा आपने मुझे जो इस सभा के अध्यक्ष पद के दायित्वों के निर्वहन की जिम्मेदारी सौंपी थी मैंने अपनी क्षमता के अनुसार उस जिम्मेदारी को ईमानदारी के साथ निभाने का पूरा प्रयास किया है।
छत्तीसगढ़ की चतुर्थ विधानसभा के कार्यकाल को इतिहास में जब भी स्मरण किया जायेगा तो इस बात के लिये याद किया जायेगा कि इस विधानसभा में परस्पर सहृदयता, समन्वय और सम्मान का भाव सदैव बना रहा। गठन से लेकर आज दिनांक तक कोई भी अप्रिय असंसदीय घटनाक्रम का न होना ही इस चतुर्थ विधानसभा की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि रही है और इसका पूरा श्रेय मैं आप सभी सदस्यों को देता हूं।
चतुर्थ विधानसभा के अंतिम सत्र के अंतिम कालखंड में सत्र समापन के अवसर पर मैं सदन के नेता मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह के प्रति आभार व्यक्त करता हूं कि आपने सदन के नेता के रूप में कार्य करते हुए सभा के सुव्यवस्थित संचालन में न केवल मुझे सहयोग दिया अपितु प्रत्येक अवसर पर प्रतिपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति में अपनी वाणी और व्यवहार में अदभुत संतुलन को बनाये रखकर आपने परिपक्व राजनेता होने का प्रमाण दिया है।
संसदीय लोकतंत्र का यह रथ पक्ष और प्रतिपक्ष रूपी दो पहियों के सहारे चलता है। बिना सजग प्रतिपक्ष के लोकतंत्र की परिकल्पना अधूरी है तथा इस सदन के नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव अनुशासित लोकतंत्र के सजग प्रहरी के रूप में स्वयं को स्थापित करने में सफल रहे हैं, साथ ही नेता प्रतिपक्ष के रूप में अपने कार्यों का सफलतापूर्वक निर्वहन करने में सफल रहें। मैं उनके प्रति हृदय से आभार व्यक्त करता हूं कि चतुर्थ विधानसभा के संपूर्ण कार्यकाल में सदन के संचालन में आपने पूर्ण संवेदनशीलता के साथ मुझे सहयोग किया।
व्यक्तिगत तौर पर आपकी शिष्टता, सरलता और सहजता से मैं बेहद प्रभावित हुआ हूं। संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर की भूमिका को रेखांकित करना आज के इस अवसर पर अत्यंत आवश्यक समझता हूं। पक्ष एवं विपक्ष के मध्य समन्वय स्थापित करना निश्चित ही एक चुनौतीपूर्ण कार्य है और इस चुनौती को संसदीय कार्यमंत्री ने पूर्ण कुशलता के साथ निर्वहित किया है, मैं उन्हें भी उनकी कुशलता के लिये हार्दिक बधाई देता हूं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर में स्वामी विवेकानंद एवं डॉ. श्यामाप्रसाद मुर्क की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर भी मैंने इस बात का उल्लेख किया था कि छत्तीसगढ़ विधान सभा में पूर्व से महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित थी । महात्मा गांधी की प्रतिमा के दर्शन से हमें उनके सिद्धांतों-सत्य, अहिंसा एवं सादगी की प्रेरणा मिलती है। स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को देखकर मन में नई ऊर्जा का संचार होगा और भारत की संस्कृति के प्रति हमारी आस्था और सुदृढ़ होगी। इसी प्रकार डॉ. श्यामाप्रसाद मुर्क की प्रतिमा को देखकर देश की एकता और अखण्डता को अक्षुण्ण रखने, सर्वस्व बलिदान करने की प्रेरणा मिलेगी।
आज सत्र के अंतिम दिवस अविश्वास प्रस्ताव पर 14 घंटे 08 मिनट चर्चा हुई अब मैं आपको इस मानसून सत्र में सम्पादित हुए संसदीय कार्यों के संक्षेप में सांख्यिकीय आंकड़ों से अवगत कराना चाहूंगा। इस सत्र में 47 प्रश्न सभा में पूछे गए जिनके उत्तर शासन द्वारा दिए गए। इस प्रकार प्रतिदिन प्रश्नों का औसत लगभग 9 प्रश्नों का रहा। इस सत्र में तारांकित प्रश्नों की 389 सूचनाएं एवं अतारांकित प्रश्नों की 379 सूचनाएं प्राप्त हुई। इस प्रकार प्रश्नों की कुल 768 सूचनाएँ प्राप्त हुईं।
इस सत्र में ध्यानाकर्षण की कुल 222 सूचनाएं प्राप्त हुई, जिसमें 21 सूचनाएं ग्राह्य हुईं और 190 सूचनाएं अग्राह्य हुई तथा 11 सूचनाएं शून्यकाल में परिवर्तित की गई। इस सत्र में कुल 109 सूचनाएं प्राप्त हुई। जिसमें 2 विषयों से संबंधित 69 सूचनाएं सदन मेे ली गई जिन पर शासन के व्यक्तव्य पश्चात सदन में प्रस्तुत करने की अनुमति नही दी गई। शून्यकाल की 53 सूचनाएं प्राप्त हुईं जिसमें 23 सूचनाएं ग्राह्य और 30 सूचनाएं अग्राह्य रही।
इस सत्र में विनियोग विधेयक सहित 9 विधेयकों की सूचनाएं प्राप्त हुई और 9 विधेयक पारित हुए। वित्तीय कार्यों के अन्तर्गत प्रथम अनुपूरक अनुमान पर 5 घंटे 41 मिनट, चर्चा हुई। यह भी उल्लेखनीय है कि इस सत्र अवधि के दौरान वेबसाईट पर 6900 विजिटर्स ने 42000 पेज का अवलोकन किया, यह सभी प्रयास प्रदेश की सर्वोच्च प्रजातांत्रिक संस्था छत्तीसगढ़ विधान सभा के कार्यकरण से सीधे तौर पर आम जनता को अवगत कराने के उद्देश्य से सदन की कार्यवाही के अवलोकन हेतु आम नागरिकों को अवसर देतें है।
इसी तारतम्य में विभिन्न शासकीय/अशासकीय संस्थाओं, जनप्रतिनिधि संस्थाओं के लगभग 1354 लोगों ने इस सत्र में सदन की कार्यवाही का प्रत्यक्ष अवलोकन किया तथा लगभग 8 हजार नागरिकों ने भी विधानसभा की कार्यवाही का अवलोकन किया। अन्त में मानसून सत्र के समापन अवसर पर इस सत्र के सुचारू संचालन में सहयोग के लिये मैं सदन के नेता मुख्यमंत्री , नेता प्रतिपक्ष , संसदीय कार्य मंत्री , समस्त मंत्रिगणों एवं सभी सदस्यों के प्रति पुनश्च हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करता हँू। आप सभी के समन्वित प्रयास से इस सदन का निर्बाध संचालन संभव हो पाया।
मैं इस अवसर पर उपाध्यक्ष सहित सभापति तालिका के सदस्यों के प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित करता ह जिन्होंने सभा की कार्यवाही के संचालन में मुझे सहयोग दिया। मैं सम् पत्रकार साथियों एवं प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रति भी आभार व्यक्त करता हँू, जिन्होंने सदन की कार्यवाही को बड़ी गंभीरता से प्रचार माध्यमों में प्रमुखता से स्थान देकर प्रदेश की जनता को सभा में सम्पादित कार्यवाही से अवगत कराया। छत्तीसगढ़ दूरदर्शन, द्वारा प्रश्नकाल का वंत प्रसारण किया।
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सत्र की पूर्णता के अवसर पर राज्य शासन के मुख्य सचिव श्री अजय सिंह सहित समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई देता हूं, सुरक्षा व्यवस्था में संलग्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी बधाई देता हूूं जिन्होंने सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था पूरे सत्र में कायम रखी। मैं विधान सभा के सचिव सहित समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भी प्रशंसा करता हूं, जिन्होंने अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण कुशलता एवं निष्ठा के साथ किया।
आज के इस सत्र समापन के अवसर पर मैं यह भी कहना चाहता हूं कि सदन के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने की दृष्टि से मेरे आदेश, निर्देश अथवा आग्रह से कभी भी किसी की भावना आहत हुई हो तो मैं इसके लिये बड़ी विनम्रता से आप सभी सदस्यों से क्षमा चाहता हूं । इस अवसर पर मैं आप समस्त सदस्यों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। हम सब छत्तीसगढ़ के विकास के लिए कृत संकल्पित हों, इन्हीं भावनाओं के साथ ।