छत्तीसगढ़रायपुर

रायपुर : मेडिटेशन द्वारा नकारात्मक भावनाओं पर विजय.. ब्रह्माकुमारी प्रिया दीदी

रायपुर :  राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी प्रिया दीदी ने कहा कि नकारात्मक भावनाएँ हमारे अन्दर की वह बुरी भावनाएँ हैं, जो हमसे गलत कार्य कराती हैं। इन नकारात्मक भावनाओं पर मेडिटेशन के द्वारा विजय प्राप्त किया जा सकता है।
ब्रह्माकुमारी प्रिया दीदी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा चौबे कालोनी में आयोजित समर कैम्प में राजयोग मेडिटेशन विषय पर बोल रही थीं। उन्होंने बतलाया कि ईष्र्या करना, रूठना, चिन्ता करना, आलस्य, भय, क्रोध और हीनभावना आदि सभी नकारात्मक भावनाएँ हैं। यह सभी बातें हमारी मानसिक शक्ति को कम करती हैं। यह हमारे स्वास्थ्य को भी बुरी तरह से प्रभावित कर हमें बीमार बना देती हैं।

नकारात्मक भावनाओं पर मेडिटेशन के द्वारा विजय प्राप्त किया जा सकता है

उन्होंने बतलाया कि ईष्र्या तब होती है जब हम किसी दूसरे व्यक्ति से अपनी तुलना करते हैं। फिर नकारात्मक भावनाओं के वश में होकर हम उन्हें नीचे गिराने का प्रयत्न करने लगते हैं। होना तो यह चाहिए कि उसकी अच्छाइयों को अपनाकर हम भी आगे बढऩे का प्रयास करें। इसी प्रकार जब हीनभावना मन में आती है तो मनुष्य को लगता है कि वह तो किसी काम का नहीं है। वह कुछ नहीं कर सकता। उसका जीवन व्यर्थ है आदि। यही विचार उसे निराश कर देते हैं।

ईष्र्या तब होती है जब हम किसी दूसरे व्यक्ति से अपनी तुलना करते हैं

प्रिया दीदी ने कहा कि इन नकारात्मक भावनाओं पर विजय प्राप्त करने के लिए महान व्यक्तियों के जीवन प्रसंग पढ़ें। सकारात्मक सोच रखें। राजयोग मेडिटेशन करें। प्रकृति का आनन्द लेने के लिए कहीं सैर पर चले जाएँ। अच्छी प्रेरणादायक पुस्तकें पढ़ें। अपने जीवन की बीती हुई सुखद घडिय़ों को याद करें। इससे भी जीवन में उमंग उत्साह का संचार होता है।
फैन्सी ड्रेस में बच्चों ने दिखाई अपनी मौलिक प्रतिभा

अपने जीवन की बीती हुई सुखद घडिय़ों को याद करें

प्रजापिता ब्रह्मïाकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा चौबे कालोनी में आयोजित समर कैम्प में दूसरे सत्र में बच्चों नेे फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता में अपनी मौलिक प्रतिभा से देश की विभिन्न संस्कृतियों की झलक प्रस्तुत कर सामाजिक सन्देश देने का कार्य किया।आजकल के छोटे-छोटे बच्चे भी कितने अधिक प्रतिभाशाली हैं, इसका जीवन्त प्रदर्शन आज प्रेरणा समर कैम्प में देखने को मिला। सबसे बड़ी बात थी बच्चों का बढ़ा हुआ आत्म विश्वास। जिसने कई मौकों पर निर्णायकों को भी ताली बजाने पर मजबूर कर दिया।

आजकल के छोटे-छोटे बच्चे भी कितने अधिक प्रतिभाशाली हैं,

सबसे पहले कु. खुशी वाधवानी ने कश्मीरी लडक़ी के रूप में प्रस्तुत होकर कहा कि कश्मीर इस देश का अभिन्न अंग है। यह इस देश के सिर पर मुकुट की तरह शोभायमान है।छात्र अर्जुन बनिया ने एक किसान के रूप में सन्देश दिया कि किसान अन्नदाता है। किसानों से उनकी जमीन मत छिनो अन्यथा देशवासियों का पेट भरने वाला किसान स्वयं भूखा मर जाएगा।
कु. सुमन साहू ने स्वयं को छत्तीसगढ़ की महिला के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि छत्तीसगढिय़ा सबले बढिय़ा। सादगी और अपनापन यहाँ की संस्कृति में रचा बसा है।

किसानों से उनकी जमीन मत छिनो अन्यथा देशवासियों का पेट भरने वाला किसान स्वयं भूखा मर जाएगा

छात्र अभिमन्यु महानन्द एक पौधे के रूप में मंच पर आए। उन्होंने पर्यावरण सरंक्षण का सन्देश देते हुए बतलाया कि जीवित रहने के लिए आक्सीजन जरूरी है और ऑक्सीजन बनाने के लिए पौधों का होना आवश्यक है।
छात्र लोकेश साहू ने स्वयं को सैनिक के रूप मेंं प्रस्तुत किया। उन्होंने सभी के अन्दर देश प्रेम के लिए जोश भरने का काम किया। इसी प्रकार कु. दीपिका निषाद ने परी के रूप में, हर्षिता पवार ने मराठी लडक़ी के रूप में, कु. मुस्कान ने बंगाली बाला के रूप में, कु. आर्ची साव ने गुजराती महिला के रूप में, छात्र गौरव ताण्डी ने नेता के रूप में, और विशाल वाधवानी ने पंजाबी के रूप में अपनी प्रस्तुति दी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button