
रायपुर : प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी जेठ अमावस्या के अवसर राजधानी सहित पूरे प्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में वट सावित्री का व्रत सुहागिन महिलाएं विधिवत पूजन-अर्चन के साथ धूम-धाम से मना रही है।
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पौराणिक मान्यता के अनुसार आज ही के दिन सदियों पहले सती सावित्री ने पति की अल्प आयु में हुई मृत्यु से दुखी होकर यमराज को जेठ की तपती धूप में बड़ के वृक्ष के नीचे अपने पति के प्राण वापस लौटाने पर मजबूर कर दिया था।
वट सावित्री का व्रत सुहागिन महिलाएं विधिवत पूजन-अर्चन के साथ धूम-धाम से मना रही है
तब से यह व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा वट वृक्ष को चारों ओर से रोली बांध कर परिक्रमा कर प्रतिवर्ष मनाया जाता है। राजधानी में आज गुढिय़ारी, तेलीबांधा, रामसागर पारा, ब्राह्मण पारा, राउत पारा, पुरानी बस्ती (टुरी हटरी), लोहार चौक, टिकरापारा, मठपारा एवं अन्य आसपास के पुराने वट वृक्षों की पूजा कर धूमधाम से मनाया जा रहा है।