
रायपुर : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। दो चरण में सम्पन्न होने वाले इस चुनाव के पहले चरण का चुनाव वनांचल से होगा नक्सल प्रभावित और भोलेभाले वनवासियों के इस गढ़ में बारह विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां से मतदान की शुरुआत होगी। चुनाव को लेकर छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय एवं सर्वमान्य न्यूज एजेन्सी आर.एन.एस. ने चुनावी सर्वेक्षण किया है जिसका परिणाम पाठकों के लिए क्रमबद्ध प्रकाशित जाएगा। इसके अंतर्गत बस्तर संभाग के जगदलपुर और चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र की जमीनी रिपोर्ट दी जा रही है।
जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र से इस बार भी वर्तमान विधायक संतोष बाफना पर विश्वास व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने पूर्व चुनाव में पराजित प्रत्याशी थानूराम कश्यप के स्थान पर रेखचंद जैन के नाम पर सहमति बनी है। पूर्व में कश्यप आदिवासी समुदाय होने के कारण इस बार चुनाव रोचक हो गया है। आर.एन.एस. ने पूर्व में ही कांग्रेस प्रत्याशी के चयन को लेकर कांग्रेस से रेखचंद जैन, राजीव शर्मा और जतिन अग्रवाल के नामों का उल्लेख किया था। जिसमें से कांग्रेस ने रेखचंद जैन को प्रत्याशी घोषित किया है। वर्तमान विधायक की छवि सहज-सरल व्यक्ति की है।
उन्होंने सरकार की राशन प्रणाली के साथ-साथ अन्य शासकीय काम-काजों का यथासंभव जनता के हित में क्रियान्वयन की पहल की है। इसका सकारात्मक प्रभाव क्षेत्र में पड़ा है चुनाव में इस बार जनता कांग्रेस और आप पार्टी के प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं। दोनों पार्टी को मिलाकर लगभग चार हजार वोटों का नुकसान होगा। इस वोट से कांग्रेस प्रत्याशी को नुकसान होगा। इससे सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी संतोष बाफना को लाभ होगा। भाजपा शासनकाल में शासकीय मेडिकल कालेज, एयर सर्विस, रेल सेवा विस्तारीकरण इन्द्रावती नदी पर जोरानाला स्ट्रक्चर निर्माण तथा नगरनार स्टील प्लांट की स्थापना की गई।
जिससे कि रोजगार के भी अवसर बढ़े और लोगों की सुविधाएं भी बढ़ी वर्तमान चुनाव में जगदलपुर-रायपुर सीधी रेल सेवा, आयरन मुक्त पेयजल, स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार में प्राथमिकता तथा इंद्रावती विकास प्राधिकरण का गठन किए जाने का मामला उठाए जाने के प्रबल आसार हैं। जगदलपुर शहर को छोडक़र समीपवर्ती गांव नगरनार, नानगुर, केशलूर आड़ावल, कुरंदी, दरमा, बिलोरी, पंडरीपानी एवं मावलीपदर ऐसे बड़े गांव हैं, जहां के वोट चुनाव को प्रभावित करते हैं।
आदिवासी और क्रिश्चियन बहुल क्षेत्र में इस बार दो प्रमुख पार्टी कांग्रेस और भाजपा से एक ही समुदाय के प्रत्याशी उतारे जाने से चुनाव रोमांचक और संघर्षपूर्ण हो गया है। अब देखना यह है कि भाजपा प्रत्याशी संतोष बाफना सरकार की रीति-नीति और क्रियाकलापों को आमजन के बीच कितने सकारात्मक ढंग से प्रस्तुत कर पाते हैं, अथवा कांग्रेस प्रत्याशी रेखचन्द जैन पंद्रह सालों से सत्ताधीश बनी भाजपा को एन्टीइन्कबेंशी और उनकी गतिविधियों को आमजनमानस के बीच नकारात्मक छवि के रुप में कितना रख पाते हैं। बहरहाल जगदलपुर विधानसभा में इस बार का चुनावी परिणाम चौंकाने वाला होगा।