
रायपुर : भारतीय युवा कांग्रेस के सचिव संतोष कोलकुंडा द्वारा जारी नियुक्ति पत्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव चंद यादव ने युवा कांग्रेस के पूर्व महासचिव शिबली मेराज खान, अभय तिवारी, सुश्री कुलिशा मिश्रा और अखिलेश जोशी को सोशल मीडिया का प्रदेश संयोजक बनाया है। राज्य भर में सोशल मीडिया के माध्यम से कांग्रेस पार्टी के प्रचार का महत्वपूर्ण दायित्व सौंपते हुए सभी पदाधिकारियों को विधानसभा चुनाव के लिए जुट जाने कहा गया है। इधर सोशल मीडिया में पार्टी के प्रचार की जिम्मेदारी मिलते ही पदाधिकारियों ने रणनीति बनाकर काम करने की दिशा में कदम आगे बढ़ा दिया है। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस ने आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पिछले माह मीडिया कार्यशाला में पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देकर सोशल मीडिया के माध्यम से पार्टी का प्रचार करने तथा चुनावी रणनीति तैयार करने के टिप्स दिए थे।
2 ) रायपुर : शिक्षाकर्मी नेताओं ने कहा संविलियन ड्राफ्ट हो सार्वजनिक
रायपुर : संविलियन की घोषणा के बाद शिक्षाकर्मियों में जहां हर्ष व्याप्त है तो वहीं संविलियन ड्राफ्ट सार्वजनिक नहीं होने से तरह-तरह के अटकलों का बाजार गर्म है। इधर मोर्चा संचालकों ने राजय सरकार से संविलियन ड्राफ्ट को सार्वजनिक किए जाने की मांग की है।
शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश संचालकों ने राज्य सरकार ने मांग किया है कि शिक्षाकर्मियों के संविलियन ड्राफ्ट को सार्वजनिक किया जाए। ड्राफ्ट के अध्ययन के बाद यदि उसमें कोई विसंगति अथवा खामी पाई जाती है तो उसे कैबिनेट की बैठक में लिए जाने वाले निर्णय के पूर्व ही सुधार लिया जाए, ताकि संविलियन में किसी भी तरह की कोई अड़चन अथवा किसी भी पक्ष में नाराजगी न हो। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह द्वारा शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा किए जाने के बाद से ही शिक्षाकर्मियों में हर्ष व्याप्त है।
किंतु संविलियन ड्राफ्ट सार्वजनिक नहीं होने से इन दिनों अटकलों का बाजार गर्म है। इससे मोर्चा और प्रांतीय संचालकों में भी बेचैनी देखी जा रही है। इसका कारण भी स्पष्ट है, मध्यप्रदेश में संविलियन के बाद इसी तरह खुशी का माहौल बना था, किंतु संविलियन ड्राफ्ट के सार्वजनिक होने के बाद इसमें कई तरह की विसंगति देख शिक्षाकर्मियों में फिर से नाराजगी फैल गई है। राज्य के 1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों और प्रांतीय संचालकों को इसी बात का डर है कि कहीं ड्राफ्ट में कोई विसंगति रह गई तो उनकी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। इसलिए मोर्चा संचालक लगातार संविलियन ड्राफ्ट सार्वजनिक करने की मांग करते आ रहे हैं। अब देखने वाली बात यह है कि राज्य सरकार संविलियन ड्राफ्ट सार्वजनिक करती है अथवा नहीं।