राष्ट्रीय मंच पर चमका राजनांदगांव का जल संरक्षण मॉडल — जल शक्ति मंत्रालय ने की सराहना

नई दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित सुजलाम भारत – जल संचय कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के अभिनव मिशन जल रक्षा मॉडल ने सबका ध्यान खींचा। सम्मेलन में जल संरक्षण के क्षेत्र में किए गए स्थानीय प्रयासों, नवाचारों और सामुदायिक भागीदारी का प्रजेंटेशन अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत किया गया।
सम्मेलन में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की डायरेक्टर अर्चना वर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने राजनांदगांव के मॉडल को देश के अन्य जिलों के लिए प्रेरणास्रोत बताया और इसे जल संरक्षण का सशक्त उदाहरण करार दिया।
राजनांदगांव जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुरूचि सिंह ने मिशन जल रक्षा मॉडल का विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया। इस दौरान मंत्रालय, नीति आयोग, और विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी, जल विशेषज्ञ और प्रतिनिधि उपस्थित थे।
क्या खास है राजनांदगांव मॉडल में?
जल संरक्षण और भू-जल पुनर्भरण के लिए वैज्ञानिक, तकनीकी और सामुदायिक दृष्टिकोण
हाइड्रोजियोलॉजिकल मैप और GIS विश्लेषण के जरिए संरचनाएं
सेमी क्रिटिकल ज़ोन में जल स्तर सुधार के लिए रिचार्ज शाफ्ट, परकोलेशन टैंक
कम लागत में स्थानीय सामग्री से निर्माण
सैटेलाइट और GIS इमेजरी से प्रभाव का मूल्यांकन
जन भागीदारी और महिला शक्ति का योगदान
जल साक्षरता, फसल चक्र परिवर्तन और स्वच्छता पर ग्राम स्तर पर अभियान
1.5 लाख से अधिक महिलाएं जल संचयन में सक्रिय
पद्मश्री फुलबासन बाई की नीर और नारी जल यात्रा
मनरेगा के तहत लो-कॉस्ट भू-जल संरचनाओं का निर्माण
अगला कदम: भविष्य की योजना
माइक्रो रिचार्ज मैपिंग
संस्थागत वर्षा जल संचयन प्रणाली
जल गुणवत्ता निगरानी तंत्र
नीति सुधार के जरिए स्थानीय जरूरतों के अनुसार प्रबंधन
सुजलाम भारत कार्यक्रम के तहत इस मॉडल को देशभर में लागू करने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। हर बूंद का महत्व समझाने वाला यह मॉडल अब एक राष्ट्रीय उदाहरण बनता जा रहा है।