रायपुर
राष्ट्रपति से सम्मानित हुए लोक नाट्स कलाकार और रंगकर्मी दीपक तिवारी को राष्ट्रपति ने संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया है. इस पुरस्कार मिलने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘छत्तीसगढ़ी लोक नाट्य में योगदान हेतु रायपुर के राकेश तिवारी और अभिनय के क्षेत्र में योगदान के लिए राजनांदगांव के दीपक तिवारी को राष्ट्रपति महोदय द्वारा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिलने पर बहुत बहुत बधाई। राष्ट्र पटल पर छत्तीसगढ़ का पताका यूं ही फहराता रहे, अनंत शुभकामनाएं’.
लोकनाट्य कला को देश भर में पहचान दिलाने वाले छग के मशहूर लोक कलाकार बेमेतरा जिले के ग्राम जेवरा में रहते है. राकेश तिवारी वर्तमान में डीडीनगर रायपुर में निवासरत हैं बता दे कि राजा फोकलवा नाटक से देश भर में उन्हें प्रसिद्धि मिली थी.
छत्तीसगढ़ी लोक नाट्य में योगदान हेतु रायपुर के राकेश तिवारी और अभिनय के क्षेत्र में योगदान के लिए राजनांदगांव के दीपक तिवारी को राष्ट्रपति महोदय द्वारा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिलने पर बहुत बहुत बधाई।
राष्ट्र पटल पर छत्तीसगढ़ का पताका यूं ही फहराता रहे, अनंत शुभकामनाएं।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) February 7, 2019
ये है रंग कर्मी दीपक तिवारी(विराट) की कहानी
छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध रंगमंच कर्मी एवं प्रख्यात अभिनेता दीपक तिवारी (विराट) ने कला और संगीत को अपना जीवन समर्पित कर दिया. राजनांदगांव की माटी के दीपक ने देश विदेश के मंच पर अपनी कला के खूब जलवे बिखेरे. मशहूर नाट्य सम्राट हबीब तनवीर के नया थियेटर से जुड़कर उन्होंने चोर चरणदास, आगरा बाजार, देख रहे नैन, जमादारीन, बहादुर कलारिन, गांव का नाव ससुराल, मिट्टी की गाड़ी, साजापुर की शांति बाई सहित कई अनगिनत नाटकों में अपनी अभिनय का लोहा मनवाने वाला दीपक विराट आज शरीर से कमजोर हो चुका है. लकवे की बीमारी से ग्रस्त दीपक तिवारी का परिवार कला के लिए समर्पित है. उनकी पत्नी पूनम विराट और उनके बच्चे आज भी संगीत और कला के मंच पर छत्तीसगढ़ की मांटी की खूश्बू बिखेर रहे हैं.