
रायपुर, छत्तीसगढ़ की राजधानी बनने के बाद से रायपुर शहर में नामी बिल्डर्स बड़े-बड़े प्रोजेक्ट लेकर आए, प्लॉट और मकानों के इन प्रोजेक्ट से बिल्डरों ने करोड़ों रुपए भी कमाए, लेकिन कमाई के बाद शायद ये बिल्डर अपने ही प्रोजेक्ट की ओर मुड़कर भी नहीं देखते हैं ।
ऐसा ही एक नामी बिल्डर का प्रोजेक्ट है कैपिटल होम्स फेज-1, जहां के रहवासी पूरी गर्मियों में पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं, हालात ये है कि पूरी सोसाइटी में शायद ही ऐसा कोई घर हो, जिसमें पानी के टैंकर नहीं बुलाने पड़ रहे हों । पूरी सोसाइटी प्यास से तड़प रही है । सोसाइटी के रहवासी अक्सर कॉलोनी के ग्रुप में हाफ-हाफ टैंकर लेने की चर्चाएं करते हैं । जबकि कॉलोनी में कई बोर हैं, लेकिन करीब-करीब सभी सूख चुके हैं और सोसाइटी अब नगरनिगम के पानी पर निर्भर है ।
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कैपिटल होम्स के प्रबंधक पंकज यादव ने बताया कि निगम की ओर से एक 8 इंच और दो 2-2 इंच की लाइन निजी रूप से कॉलोनी के लिए ली गई है, जिसके लिए सोसाइटी सालाना करीब 9 लाख रुपए भी चुकाती है और इसके बदले में निगम की ओर से करीब डेढ़ लाख लीटर पानी प्रतिदिन दिया जाना चाहिए, लेकिन गर्मी के दिनों में निगम की ओर से सोसाइटी के पानी में कटौती कर दी गई है । जिससे पूरी सोसाइटी में पानी की समस्या बनी हुई है ।
वहीं इस मामले में जब हमने जोन कमिश्नर संतोष पांडे से बात करने की कोशिश की तो उनकी ओर से फोन रिसीव नहीं हो सका ।
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कुल मिलाकर देखा जाए तो पहले बिल्डर्स उसके बाद नगर निगम दोनों की वजह से रहवासी पीने के पानी तक के लिए मोहताज हैं और अब तो पानी के टैंकर भी बड़ी मुश्किल से मिल रहे हैं, ऐसे में ये गर्मी तो निकल जाएगी लेकिन ये समस्या आने वाले वक्त में कितना विकराल रूप लेगी इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है ।