मध्यप्रदेशरीवा

रीवा लोक सभा सीट: कांग्रेस, बसपा और भाजपा का दबदबा

रीवा

विंध्य क्षेत्र की राजधानी रहा रीवा आजादी के बाद से ही राजनीति का केन्द्र बिन्दु रहा है। 1957 में विंध्य की चार संसदीय सीटों में से रीवा भी शामिल था। रीवा में कांग्रेस, बसपा और भाजपा का दबदबा रहा है। 1999 में आखिरी बार कांग्रेस को रीवा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व पूर्व सांसद सुंदरलाल तिवारी के नेतृत्व में मिला था। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से जनार्दन मिश्रा सांसद हैं। इस क्षेत्र में सदैव त्रिकोणीय संघर्ष रहा है। इन्होंने किया यहां का प्रतिनिधित्व 1951 में पहली बार कांग्रेस से राजभान सिंह तिवारी सांसद चुने गए थे।

1957 में फिर नेशनल कांग्रेस से शिवदत्त तिवारी ने फतह हासिल की। 1962 में शिवदत्त सिंह जिले के जनप्रतिनिधि बने। जबकि 1967 में नेशनल कांग्रेस से शम्भूनाथ शुक्ल सांसद चुने गए थे। 1971 में लोकसभा चुनाव नेशनल कांग्रेस का जादू नहीं चल पाया और महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव रीवा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विजयी हुए थे। लगभग 20 वर्ष तक नेशनल कांग्रेस का दबदबा रहा और निर्दलीय प्रत्याशी ने इसे समाप्त किया था। 1977 में भारतीय लोक दल से यमुना प्रसाद शास्त्री को सांसद चुना गया। नेत्रहीन होने के बाद भी यहां के जनमानस ने उन्हें प्रतिनिधित्व दिया था। 1980 में दूसरी बार महाराजा मार्तण्ड सिंह निर्दलीय चुनाव जीते थे।

14 वर्षों के वनवास के बाद 1984 में नेशनल कांग्रेस की जीत हुई और महाराजा मार्तण्ड सिंह पार्टी के सिंबल पर चुनाव जीते थे। 1989 में यमुना प्रसाद शास्त्री जनता पार्टी से सांसद चुने गए। वर्ष 1991 में पहली बार रीवा से बहुजन समाज पार्टी का खाता खुला और भीम सिंह पटेल सांसद चुने गए थे। 1999 में नेशनल कांग्रेस ने अपनी जगह दोबारा बनाई और सुंदरलाल तिवारी सांसद चुने गए। 2004 में कांग्रेस पार्टी एक बार फिर रीवा से बाहर हो गई और भारतीय जनता पार्टी चंद्रमणि त्रिपाठी सांसद चुने गए। 2009 में बसपा के देवराज पटेल को जीत मिली। 2014 में भाजपा से सांसद जनार्दन मिश्रा जीत दर्ज करके प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

पूरे नहीं हुए वादे

– रीवा से मुंबई चलने वाली ट्रेन।

– स्थानीय सीमेंट कंपनियों में 60। फीसदी युवाओं को रोजगार न मिलना

– रीवा में हवाई अड्डे का निर्माण कार्य न होना।

– रीवा-ललितपुर सिंगरौली रेल लाइन का कार्य पूर्ण न होना।

– गुढ़ में लग रहे एशिया के सबसे पावर प्लांट में स्थानीय लोगों को रोजगार न मिलना

ये वादे हुए पूरे

– रीवा से अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन को हफ्ते में दो बार शुरू होना।

– प्रत्येक ब्लाक स्तर पर मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य।

– गुढ़ में लगे सोलर ऊर्जा प्लांट के यूनिट से बिजली उत्पादन का कार्य पूरा हुआ।

– चाकघाट नेशनल हाईवे 27मनगवां तक कार्य पूर्णत: की ओर है।

– शहर फ्लाईओवर, रिंग रोड का निर्माण।

मतदाआतों का मिजाज

हम लोगों को सस्ता अनाज मिल रहा है। घर बनाने के लिए कुछ पैसे मिले हैं और दीवार भी खड़ी है। लेकिन छत डलवाने के लिए पैसे नहीं, पता नहीं कब तक में पैसे मिलेंगे। – संदीप तिवारी,निवासी अमवा।

सरकार ने गरीबों पर ध्यान दिया है। अस्पताल में दवाइयां भी मिलती हैं। राशन भी मिल रहा है। सरकार ने गैस चूल्हा भी दिया है। रोजगार के क्षेत्र में सरकार और काम करना चाहिए था। – संतोष साकेत, निवासी कनौजा।

हम लोगों को राशन मिल रहा है। घर बनाने के लिए कहते हैं, लेकिन दो कमरे का घर भी पूरा नहीं हो पाया। सबसे ज्यादा कामधंधा की जरूरत होती है। – रामरती देवी, निवासी मैदानी।

सदैव विकास के लिए काम किया

सांसद रहते हुए रीवा के चहुंमुखी विकास के लिए सदैव हमने काम किया है। रेलवे का विस्तार, विद्युतीकरण का कार्य तथा अस्पताल में मरीजों को अच्छी सुविधा मिले इसके लिए अपने सांसद निधि से भी हमने उपकरण की व्यवस्था बनाने का प्रयास किया है। सरकार की योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ मिले इसके लिए भी काम किया है।

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