कमल हासन के साथ रोमांस मुश्किल था : पूजा कुमार
अमेरिका में पली-बढ़ीं पूजा कुमार ने बचपन से ही ठान लिया था कि उन्हें ऐक्टिंग में अपना नाम कमाना है। स्कूल में भी पूजा अक्सर प्ले में बढ़-चढक़र हिस्सा लिया करती थीं। इसी बीच पूजा मिस इंडिया यूएसए के खिताब से नवाजी गईं। इसके बाद पूजा के लिए ग्लैमर के क्षेत्र के रास्ते खुल गए। पूजा ने साउथ की फिल्मों के साथ-साथ अमेरिकी फिल्मों में भी काम किया है। इन दिनों पूजा अपनी आने वाली फिल्म विश्वरुपम 2 को लेकर चर्चा में हैं। फिल्म में 5 साल बाद अपने सीच्ल के साथ वापसी कर रही है। पूजा ने हमसे फिल्म और अपनी निजी जिंदगी के बारे में बातचीत की :
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अमेरिका से आकर इंडियन सेटअप में काम करना आपके लिए कितना चुनौतिपूर्ण था ज्यादा चैलेंज तो नहीं था। मेरा जन्म भले ही अमेरिका में हुआ हो लेकिन मेरे पैरंट्स मुझे हर साल भारत लेकर आया करते थे। मेरी मां लखनऊ की हैं और पापा देहरादून के रहने वाले हैं। हम हर साल तीन महीने की छुट्टियों में आया करते थे। ऐसे में मेरे लिए किसी तरह का कल्चर शॉक नहीं था। हां, मुझे अपने लहजे पर बहुत काम करना पड़ा है। यहां और वहां की इंडस्ट्री में बहुत ज्यादा फर्क नहीं है। दोनों ही बेहद प्रफेशनली काम करते हैं। बस मुझे शिकायत है कि बॉलिवुड में कहानियां बहुत कम कही जाती हैं। कंटेंट के मामले में हमें बहुत मेहनत करने की जरूरत है।
शूटिंग के दौरान आपने उनसे क्या सीखा
वह ऐक्टिंग के लेजंड कहे जाते हैं। उनके साथ काम करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। हर दिन उनसे कुछ न कुछ सीखने को मिलता था। सबसे पहली चॉलिटी मैंने उनसे जो सीखी है वह है धीरज। भले आपकी फिल्म चले या न चले, आपको लगातार अच्छा काम करना चाहिए। इस बात की तलाश करनी है कि आपके लिए क्या सही है और क्या गलत। ऐसे में अगर आप करियर के लो फेज में भी हैं तो भी कमबैक करेंगे। दूसरी चीज जो मैंने सीखी हैं कि वह बेहद प्रफेशनल हैं। इतना अनुभव होने के बावजूद वह लगातार अपने क्राफ्ट पर काम करते रहते हैं। इसीलिए अपने कमिटमेंट्स को लेकर पक्के हैं।
पांच साल बाद आप विश्वरूपम 2 से वापसी कर रही हैं
मैं नर्वस तो बिल्कुल भी नहीं हूं। बल्कि मैं तो काफी एक्साइटेड हूं कि बहुत दिनों के बाद लोगों के सामने इस फिल्म की कहानी आएगी। हम लोगों ने इस पर बहुत काम किया है। हम सभी जानते हैं कि एक फिल्म बनाने में कितनी मेहनत लगती है। जब ऐसे में फिल्म का सीच्ल आए तो बहुत बड़ी बात होती है। मुझे उम्मीद है लोगों को यह फिल्म पसंद आएगी। इसमें रोमांस, ऐक्शन, ड्रामा, सस्पेंस आदि सभी का भरपूर डोज है।
फिल्म बनाने में कितनी मेहनत लगती है
फिल्म केवल आतंकवाद की ही बात नहीं करती है बल्कि इसमें मां-बेटे के रिश्ते, पति-पत्नी के रिलेशनशिप आदि सभी को बहुत ही खूबसूरती से दिखाया गया है। जब भी कोई ऐक्शन बेस्ड फिल्में बनती हैं, तो सारी लाइमलाइट ऐक्टर उड़ा ले जाता है। ऐसी फिल्म का हिस्सा बनने से पहले आपको हिचक नहीं हुई
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नहीं, जब कमल हासन सर आपसे पूछें कि क्या आप मेरे साथ काम करेंगी तो ऐसी स्थिति में न कहने का कोई तुक ही नहीं बनता है। आपने देखा होगा कि कमल सर की फिल्मों में महिला के किरदार बड़ी खूबसूरती से लिखे जाते हैं। विश्वरूपम में मेरा किरदार बहुत ही बढिय़ा और दमदार था। आपको मेरा किरदार याद होगा, फिल्म के आखिरी सीन में बम डिफ्यूज करने में मैं उनकी मदद करती हूं।
महिला के किरदार बड़ी खूबसूरती से लिखे जाते हैं
हां, यह बात सच है कि बहुत सी ऐक्शन, थ्रिलर फिल्मों में ऐक्ट्रेस पहले सीन तक ही नजर आती हैं लेकिन मैं अपने बारे में कहूं तो मैं पूरी फिल्म में थी और विश्वरूपम में भी मैं पूरे सीन में हूं, बल्कि इसमें तो मैं और भी दमदार अवतार में हूं। कमल हासन जैसे लेजंड अभिनेता के साथ रोमांस करना आसान था या मुश्किल बहुत ही मुश्किल काम था।
विश्वरूपम में भी मैं पूरे सीन में हूं,
दरअसल कमल इस फिल्म में प्रड्यूसर भी हैं, डायरेक्टर भी हैं और मेरा लव इंट्रेस्ट भी हैं। शुरुआत में मैं काफी नर्वस हुआ करती थी, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने मुझे सहज कर दिया। कैमरे के सामने भले ही हम हजंब्ड-वाइफ के किरदार में होते थे लेकिन कैमरा ऑफ होते ही मेरे लिए वह सर बन जाते थे। मैं उनका बहुत सम्मान करती हूं वह महान आर्टिस्ट हैं।