चुनावी चौपालछत्तीसगढ़

प्रमोद दुबे भेद पायेंगे भाजपा का अभेद किला?

  • चुनावी मौसम में, मतदाताओं का मूड कब खराब हो जाए पता नहीं होता, शायद इस बात को छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल अच्छी तरह से जानते हैं, यही वजह है कि वो पार्टी के नेताओं को अति आत्मविश्वास में न रहने की सलाह बार बार दे रहे हैं, क्योंकि कल तक जिन कांग्रेसी नेताओं को चला हुआ कारतूस कह जाता था, आज वही दनादन, राजनीतिक गोलियां दाग रहे हैं, खैर इस वीडियो में हम बात कर रहे हैं रायपुर लोकसभा सीट की, जहां कांग्रेस ने महापौर प्रमोद दुबे और भाजपा ने सुनील सोनी को मैदान में उतारा है ।
  • पहले बात कांग्रेस के महापौर प्रमोद दुबे की कर लेते हैं, जिनके लिए ये चुनाव बेहद अहम है, और आने वाले वक्त में ये चुनाव उनकी राजनीतिक दिशा भी तय करेगा, प्रमोद दुबे पुराने कांग्रेसी रहे हैं, उन्होने साल 2004 में रायपुर के ब्राह्मण पारा से पार्षद का चुनाव जीता था, इसके बाद साल 2015 में महापौर का चुनाव जीते, लोकसभा प्रत्याशी के रूप में प्रमोद दुबे के सामने भाजपा के अभेद किले को भेदने की चुनौती है ।
  • इधर बात अगर भाजपा के प्रत्याशी सुनील सोनी की करें तो वे फिलहाल भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं ।
  • सुनील सोनी रायपुर नगर निगम के महापौर और रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे हैं, भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी सुनील सोनी, छात्र राजनीति में सक्रिय रहे हैं इसके साथ ही वे कई छात्र आन्दोलन का नेतृत्व भी करते हैं, सुनील सोनी दुर्गाकालेज महाविद्यालय के अध्यक्ष भी रहे, हालांकि रायपुर लोकसभा से उन्हें टिकट मिलना किसी चमत्कार से कम नहीं कहा जा सकता, क्योंकि लगातार छह बार के सांसद का टिकट कटने, और बृजमोहन अग्रवाल जैसे नेताओं को दरकिनार कर उनको टिकट मिलने की उम्मीद शायद किसी ने नहीं की होगी ।
  • अब अगर बात करें रायपुर लोकसभा के मिजाज की, तो ये भाजपा के अनुकूल रहा है, लेकिन इस बार यहां बलौदा बाजार, भाटापारा, धारसिवा, रायपुर ग्रामीण, रायपुर दक्षिाण, रायपुर पश्चिम, रायपुर उत्तर, अभनपुर और आरंग यानी कुल नौ विधानसभा सीटें आती हैं, लेकिन भाजपा के लिए मुश्किल बात ये है कि इन नौ विधानसभा सीटों में से महज दो ही सीटें उसके पास हैं, जबकि जनता कांग्रेस के पास एक, तो कांग्रेस के पास ताबड़तोड़ छह विधानसभा सीटें हैं ।
  • यानी कि इस बार रायपुर लोकसबा में कांग्रेस का पलड़ा भारी है, तो सवाल है कि क्या अपनी सत्ता और विधायकों के दम पर, कांग्रेस भाजपा के इस अभेद किले को भेद पाएगी, जवाब आप भी नीचे कमेंट कर दे सकते हैं ।

 

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