सौर सुजला योजना से बलरामपुर के किसानों को सिंचाई में राहत, बढ़ी आय और खेती का दायरा
बिजली बिल की चिंता खत्म, खेती में आत्मनिर्भरता

छत्तीसगढ़ सरकार की सौर सुजला योजना बलरामपुर जिले के किसानों के लिए उम्मीद की नई किरण बनकर उभरी है। पहले जहां खेती पूरी तरह वर्षा पर निर्भर थी, वहीं अब सोलर पंप की सुविधा मिलने से सिंचाई सुगम हो गई है। इस बदलाव के कारण किसान अब साल में दो बार फसल उगा पा रहे हैं, जिससे उनकी आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो रही है।
किसान अब कर रहे खरीफ और रबी दोनों फसलों की खेती
ग्राम साहपुर के किसान विनय खलखो ने बताया कि उन्होंने 1.5 एकड़ भूमि पर सोलर पंप लगवाकर धान और हरी सब्जियों की खेती शुरू की है। अब वे दोहरी फसल लेकर अधिक लाभ कमा रहे हैं। इसी प्रकार, ग्राम दोहना की तैनू पैंकरा ने बताया कि रबी की फसल लेना पहले असंभव था, लेकिन अब सोलर पंप की वजह से न बिजली की समस्या रही और न ही बिल की चिंता। इससे उनकी आमदनी में भी काफी इजाफा हुआ है।
ग्राम भनौरा के कृषक कृष्णा सिंह ने 3 एचपी क्षमता का सोलर पंप लगवाया है। अब वे धान के साथ साग-सब्जी की भी खेती कर रहे हैं। पहले वर्षा आधारित खेती के कारण उत्पादन सीमित था, लेकिन अब सालभर खेती कर पा रहे हैं।
जिले में 290 सोलर पंप लगाने का लक्ष्य
बलरामपुर जिले में चालू वर्ष 2025 के लिए कुल 290 सोलर पंप लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। इच्छुक किसान योजना का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड, खसरा नक्शा, जाति प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक की छायाप्रति और निर्धारित आवेदन शुल्क के साथ अपने कृषि विस्तार अधिकारी, क्रेडा कार्यालय या उप संचालक कृषि कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
सौर सुजला योजना के तहत किसानों को बिजली बिल से राहत मिली है और वे अब निर्बाध रूप से सिंचाई कर पा रहे हैं। इससे खेती की लागत में कमी और मुनाफे में वृद्धि हुई है। दोहरी फसल प्रणाली से किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है, जो प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक बन रही है।