छत्तीसगढ़बड़ी खबरेंरायपुर

दर्शकों की डिमांड पर खास : साजा विधानसभा का विश्लेषण,कैसे पार्टी से निष्कासित बसंत अग्रवाल और लाभचंद बाफना की लड़ाई में रविंद्र चौबे को हुआ था फायदा

साजा विधानसभा का विश्लेषण

नमस्कार दोस्तों फोर्थ आई न्यूज़ में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है दोस्तों हमारी विधानसभा सीटों के विश्लेषण की स्पेशल सीरीज लगातार जारी है और इसी सीरीज में हमारे एक दर्शक ने हमसे साजा विधानसभा सीट का विश्लेषण करने की मांग की थी हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि हम अपने दर्शकों की हर मांग का बहुत सम्मान करते हैं और कोशिश भी करते हैं कि जितना जल्द हो सके आप की यह मांग पूरी हो इसी डिमांड पर आज हम आपके लिए लेकर आए हैं छत्तीसगढ़ की एक और महत्वपूर्ण सीट साजा विधानसभा सीट का विश्लेषण।

साजा विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के अंतर्गत आती है वर्तमान में इस सीट से भूपेश सरकार में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे विधायक हैं तो वहीं भाजपा के विजय बघेल सांसद है। यह सीट हमारी प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट में से एक है। बेमेतरा जिले की साजा विधानसभा सीट हमेशा से ही कांग्रेस का गढ़ मानी जाती रही है लेकिन यहां पर बीजेपी ने अपना परचम फहराया था आपको बता दें कि साजा विधानसभा सीट का गठन सन 1967 में हुआ था उसके बाद के लेकर 1985 तक लगातार यहां कांग्रेस के ही विधायक रहे लेकिन साल 2008 के आते-आते भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस का रिकार्ड तोड़ दिया था।

साजा विधानसभा में वोटरों की बात करें तो यहां 65 तीसरी वोटर अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं केवल 10 फीसदी वोटर ही सामान्य श्रेणी के हैं यानी यहां ओबीसी वोटर भी निर्णायक भूमिका में होते हैं 25 फ़ीसदी वोटिंग में ऐसी वर्ग का भी हाथ है जो अक्सर ओबीसी वोटर के साथ ही जाते हैं। साल 2003 के विधानसभा चुनाव में ताजा विधानसभा सीट से कांग्रेस ने रविंद्र चौबे को प्रत्याशी के तौर पर उतारा उनके खिलाफ बीजेपी ने दीपक साहू को अपना कैंडिडेट बनाया इस चुनाव में रविंद्र चौबे भारी बहुमत से जीतकर विधायक बने उन्हें कुल 58873 वोट मिले थे तो वही दीपक साहू को 40831 वोट हासिल हो पाए।

साल 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने सेटिंग एमएलए रविंद्र चौबे को दोबारा मौका दिया वहीं बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बदलते हुए लाभचंद बाफना को मैदान में उतारा इस बार भी जीत की चाबी रविंद्र चौबे के हाथ लगी उन्हें कुल 63775 वोट मिले जबकि बीजेपी के लाभचंद बाफना 58720 वोटों तक ही सीमित गए।

इसके बाद आया साल 2013 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस को अति आत्मविश्वास था कि रविंद्र चौबे एक बार फिर से स्पीड पर कांग्रेस का परचम लहराएंगे तो वहीं बीजेपी ने अपने हारे हुए प्रत्याशी लाभचंद बाफना पर दोबारा दाव खेला इस बार बीजेपी का यह दौर चल पड़ा और रविंद्र चौबे को हार का मुंह देखना पड़ा साल 2013 के विधानसभा चुनाव में रविंद्र चौबे को मात्र 72087 वोट मिले तो वही इसका पिछला चुनाव हारे हुए बीजेपी प्रत्याशी लाभचंद बाफना के खाते में 81707 वोट आए और इस तरह से लाभचंद बाफना 2013 विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के विधायक बने।

साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले इस सीट पर एक दिलचस्प समीकरण सामने आया दरअसल बीजेपी इस बार पूरी तैयारी के साथ तजा विधानसभा सीट से लाभचंद बाफना को टिकट देने का मन बना चुकी थी लेकिन तभी पार्टी के एक नेता बसंत अग्रवाल ने इसका विरोध किया और अपनी दावेदारी ठोकी मगर पार्टी ने बसंत अग्रवाल को मौका नहीं दिया और उसके विरोध में बसंत अग्रवाल अपने समर्थित कार्यकर्ताओं के साथ बीजेपी के एकात्म परिसर कार्यालय पहुंच गए और पार्टी के खिलाफ नारेबाजी होने लगी लिहाजा पार्टी ने बसंत अग्रवाल को भाजपा से निष्कासित कर दिया इसके बाद बसंत अग्रवाल ने इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल किया कांग्रेस ने हर बार की तरह इस बार भी रविंद्र चौबे को मैदान में उतारा तो वहीं बीजेपी ने पहले से ही अपने निर्धारित प्रत्याशी लाभचंद बाफना को टिकट दिया उस समय लाभचंद बाफना सीट से विधायक भी थे।

लाभचंद बाफना बनाम बसंत अग्रवाल की इस लड़ाई में जीत का फायदा कांग्रेस के रविंद्र चौबे को मिला रविंद्र चौबे 95658 वोटों की लिस्ट के साथ इस चुनाव में जीतकर विधायक बने तो वहीं बीजेपी के लाभ सद्भावना 64123 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे बसंत अग्रवाल को इस चुनाव में मात्र 5700 वोट ही मिल पाए और उत्तर क विधायक रविंद्र चौबे के नाम हुई।

इस बार फिर रविंद्र चौबे इस सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर उतरने जा रहे हैं वहीं बीजेपी ने प्रत्याशी का नाम फाइनल नहीं हो पाया है बात जहां तक बसंत अग्रवाल की है तो वह भी काफी सक्रिय हो चुके हैं बीते दिनों राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी में शिव पुराण कथा वाचक प्रदीप मिश्रा को उन्होंने आमंत्रित किया था और अब बागेश्वर धाम महाराज के आयोजन में भी वह सहभागी हैं ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि बसंत अग्रवाल फिर किसी राजनीतिक पारी के साथ आगामी विधानसभा चुनाव में वापसी कर सकते हैं इस पर आपकी क्या राय है अपनी बात हम तक कमेंट बॉक्स तक जरूर पहुंचाएं बनी रही न्यूज़ के साथ नमस्कार

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button