देशबड़ी खबरें

कोरोना काल में बुजुर्गों की देखभाल कैसी कर रहे हैं राज्य, सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते में मांगा जवाब

नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट (Supreme court)ने सोमवार को उन राज्यों को और चार सप्ताह का समय दिया, जिन्होंने अभी तक कोविड-19 (COVID-19) के मद्देनजर बुजुर्गों (elderly)को मास्क और सैनिटाइजर मुहैया कराने के लिए दायर याचिका पर अभी तक हलफनामा दाखिल नहीं किया है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम. आर शाह की पीठ ने चार अगस्त को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि वृद्धावस्था पेंशन के पात्र सभी बुजुर्ग लोगों को समय पर पेंशन दी जानी चाहिए और कोविड-19 (COVID-19)महामारी (Epidemic) के दौरान राज्यों को उन्हें आवश्यक दवाएं, सैनिटाइजर, मास्क तथा अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रदान करनी चाहिए।

पीठ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता अश्वनी कुमार की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई में कुमार ने पीठ से कहा कि केवल ओडिशा और पंजाब जैसे राज्यों ने ही याचिका पर जवाब दाखिल किए हैं। कुमार ने कहा कि अस्पतालों में जिन बुजुर्गों (elderly)  का इलाज किया जा रहा है, उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

मणिपुर की ओर से दाखिल हलफनामे का हवाला देते हुए कुमार ने कहा कि राज्यों को अभी तक उठाए कदमों की विस्तृत जानकारी के साथ बेहतर हलफनामा दाखिल करने को निर्देश दिया जाना चाहिए। पीठ ने दलील सुनने के बाद राज्यों को याचिका पर प्रतिक्रिया दायर करने के लिए और चार सप्ताह का समय दिया।

शीर्ष अदालत ने चार अगस्त को अपने आदेश में कहा था कि बुजुर्ग लोगों के कोरोना वायरस संक्रमण से ग्रस्त होने की ज्यादा संभावना को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में इन्हें प्राथमिकता के आधार पर भर्ती करना चाहिए। अस्पताल प्रशासन उनकी परेशानियों के निदान के लिए तत्काल कदम उठाएं।

पीठ ने कहा था कि शीर्ष अदालत पहले ही 13 दिसंबर, 2018 को इस मामले में कई निर्देश दे चुकी है और इन निर्देशों का सभी राज्यों तथा संबंधित प्राधिकारियों को अनुपालन करना है। इससे पहले कुमार ने कहा था कि अकेले रहने वाले बुजुर्गों (elderly) को सबसे अधिक परेशानी हो रही है और वे दवा, मास्क, सैनिटाइजर जैसी अन्य आवश्यक चीजें भी नहीं ले पा रहे।

शीर्ष अदालत ने दिसंबर 2018 के अपने फैसले में कहा था कि भारत में 10 करोड़ से अधिक बुजुर्गों (elderly) के कानूनी अधिकारों को मान्यता दी जानी चाहिए और उन्हें लागू किया जाना चाहिए।

corona Update और National News के साथ Chhattisgarh और Madhyapradesh से जुड़ी खबरें पढ़े

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button