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अनुशासन और समय की पाबंदी से ही मिलती है सफलता — कलिंगा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल रमेन डेका

नवा रायपुर स्थित कलिंगा विश्वविद्यालय में पंचम दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें राज्यपाल रमेन डेका मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने वर्ष 2023, 2024 एवं 2025 के विद्यार्थियों को उपाधि और पदक प्रदान किए। समारोह में 150 शोधार्थियों को पीएच.डी., 1500 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर एवं 2500 विद्यार्थियों को स्नातक की उपाधि दी गई।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अनुशासित और समय के पाबंद रहने से सफलता निश्चित है। जीवन में गिरकर हार नहीं माननी चाहिए, बल्कि हर चुनौती का सामना करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह जीवन का पूर्णविराम नहीं, बल्कि नई यात्रा की शुरुआत है।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में अपनी मां के नाम पर पौधा भी लगाया और विद्यार्थियों से अपील की कि वे भी “एक पेड़ मां के नाम” लगाएं। उन्होंने कहा कि सतत् विकास के लिए मानव, पशु और प्रकृति के बीच संतुलन जरूरी है।

उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे केवल शिक्षक नहीं, बल्कि ‘गुरू’ बनें और अपने अनुभव से युवाओं का मार्गदर्शन करें। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच निरंतर संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया।

कार्यक्रम में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि युवाओं की रचनात्मकता और नवाचार राष्ट्र निर्माण की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए नीतिगत फैसले ले रही है, जिससे उन्हें नए अवसर मिल रहे हैं।

इस अवसर पर निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष प्रो. वी.के. गोयल, कलिंगा विश्वविद्यालय के अध्यक्ष राजीव कुमार, कुलाधिपति संदीप अरोरा, कुलपति आर. श्रीधर, उपकुलाधिपति सज्जन सिंह सहित प्राध्यापक, विद्यार्थी और अभिभावक उपस्थित थे।

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