छत्तीसगढ़सूरजपुर

सूरजपुर: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या के अवसर पर युवा पत्रकार व पत्रकार संघ ने किया आयोजन, एक शाम शहीदों के नाम,देश भक्ति गीतों पे झुमे लोग

सूरजपुर। जिला मुख्यालय सूरजपुर में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या के अवसर पर युवा पत्रकार व पत्रकार संघ के संयुक्त तत्वाधान में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी एक शाम शहीदों के नाम देश भक्ति गीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजन स्थल अग्रसेन चौक सिटी कोतवाली के सामने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। देश भक्ति गीतों में लोग झूमते रहे। बाहर से आए कलाकार विवेक ताम्रकार ने देश भक्ति गीतों से समां बांध दी। कलाकारों ने अपने गीतों के माध्यम से वीर शहीदों की गाथा सुनाकर कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम में भटगांव विधायक व महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, प्रतापपुर विधायक शकुंतला पोर्ते भी सम्मिलित हुई।

कार्यक्रम में विवेक ताम्रकार ने जैसे ही मेरा रंग दे बसंती चोला गीत गया वैसे ही श्रोता दीर्घा में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। नगरवासी खुशी से झूम उठे। ए वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी…, संदेशे आते हैं… जैसे देश भक्ति गीतों के बीच नगरवासी नाचते रहे। कार्यक्रम में नागरिकों की भारी भीड़ जमा हो जाने से जाम की स्थिति भी निर्मित हुई। पत्रकार संघ के पदाधिकारियों ने उपस्थित लोगों को गणतंत्र दिवस का महत्व बताया। जानकारी दी गई की भारत के आजाद होने के बाद देश में ऐसे कानून की जरूरत थी जिसमें अपराध के अनुसार दंड का प्रावधान हो, जिसके पालन से देश में न सिर्फ कानून व्यवस्था बनी रहे बल्कि सभी अपने मौलिक अधिकारों के दायरे में रहते हुए परिवार, समाज और देश के विकास में भागीदार बनें। डॉ. भीम राव अम्बेडकर सहित अन्य विद्वानों ने न्याय संहिता बनाने के साथ इसे लागू किया। 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के साथ देश गणतंत्र हुआ।

मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम को संबोधित कर लोगों को गणतंत्र पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमें अपने मौलिक अधिकारों का पालन करना है, हमारे किसी कार्य से किसी दूसरे का मौलिक अधिकार न छीने इसका भी ख्याल रखना है। उन्होंने कहा कि आजाद भारत में खुद का संविधान , गणतंत्र का बड़ा महत्व है। हम सभी को कानून का पालन करना चाहिए। कार्यक्रम को अन्य अतिथियों ने भी संबोधित किया। नागरिकों ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह का आयोजन होना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी हमारे राष्ट्रीय पर्व के महत्व को समझ सके , न्याय व्यवस्था का सम्मान और पालन करना सीख सकें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button