मप्र: अरुण यादव होंगे कांग्रेस की तरफ से सीएम का चेहरा: प्रकाश अंबेडकर
सियासत में मतदाताओं को रिझाने के लिए कई बार कुछ ऐसे पैंतरे भी आजमाए जाते है जिन्हें देखकर हैरानी होती है मगर क्या करें सियासतदानों को ऐसा करना पड़ता है जैसे अब कांग्रेस में नजर आ रहा है। 2018 चुनाव के लिए कांग्रेस में जो चेहरों की लड़ाई चल रही है उसमें एक नया नाम जुड़ गया है प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव का मगर राजनीति के जानकार मानते है कि नाम को प्रमोट किया जा रहा है।
महाराष्ट्र के दलित नेता प्रकाश अंबेडकर का भोपाल आना और यहां आकर अरुण यादव का नाम बतौर सीएम के चेहरा घोषित करने की मांग करना। अंबेडकर का ये बयान क्या कहता है, प्रकाश अंबेडकर महाराष्ट्र की सियासत में सक्रिय रहे है मगर मप्र की राजनीति में तो ऐसे में इस बयान का क्या मतलब। अंबेडकर भोपाल में दिवंगत सांसद सुखराम कुशवाह की याद में आयोजित किए गए कार्यक्रम में शामिल होने आए थे और उन्होंने यहां ये बयान दिया। एक बार फिर सुनते है क्या कहा अंबेडकर ने।
राजनीति के जानकारों की माने तो अरुण यादव का नाम प्रकाश अंबेडकर की मदद से आगे बढ़ाया गया है। दरअसल इस कार्यक्रम का आयोजन अरुण यादव के करीबी लोकमन कुशवाह ने आयोजित करवाया। जिसमें जेडीयू के पूर्व नेता शरद यादव को भी बुलाया गया। यादव ने तो कांग्रेस की अंदरुनी पॉलिटिक्स पर कुछ नहीं बोला मगर ये संकेत जरूर दिए कि बीजेपी से लड़ने के लिए सभी को एकजुट होना है। सीएम के चेहरे की रेस में अरुण यादव का नाम प्रायोजित इसलिए भी लगता है क्योंकि इधर प्रकाश अंबेडकर ने मांग रखी उधर लगे हाथ यादव समर्थक कांग्रेस नेताओं ने इसपर प्रतिक्रिया दे दी और मांग को वाजिब ठहरा दिया।
अरुण यादव सीएम के चेहरे की रेस में क्यों शामिल होना चाहते है उसके कारणों को देखे तो 7 जनवरी को दिल्ली में प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया चुनाव की रणनीति बनाने के लिए बैठक ले रहे है जिसमें प्रदेश के सभी बड़े नेता शामिल होंगे और खबरें है कि उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। अब फेस की इस रेस में अरुण यादव ने अपना नाम आगे बढ़ाकर एक पेंच फंसा दिया है।