बस्तर दशहरा पर अमित शाह का संदेश: 2026 तक नक्सलवाद का अंत तय

रायपुर। गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बस्तर दशहरा महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि 75 दिन चलने वाला यह उत्सव दुनिया का सबसे बड़ा आदिवासी सांस्कृतिक आयोजन है। उन्होंने माँ दंतेश्वरी के दर्शन के बाद क्षेत्र को 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त करने का संकल्प दोहराया।
शाह ने कहा कि नक्सलवाद विकास में सबसे बड़ी बाधा रहा है और इसे जड़ से खत्म करने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें पूरी तरह समर्पित हैं। उन्होंने स्थानीय युवाओं से मुख्यधारा में लौटने की अपील की और बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत 500 से अधिक नक्सली हाल ही में सरेंडर कर चुके हैं।
बस्तर के गांवों में नक्सल-मुक्ति के बाद 1 करोड़ रुपये तक की विकास निधि देने की घोषणा की गई है। साथ ही स्वदेशी को बढ़ावा देने की बात पर ज़ोर देते हुए, शाह ने कहा कि बस्तर दशहरा में 300 से अधिक स्वदेशी कंपनियाँ भाग ले रही हैं।
शाह ने आदिवासी संस्कृति, वेशभूषा, खानपान और त्योहारों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा जनजातीय गौरव वर्ष, आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का चुनाव, और आदिवासी नायकों को पद्म सम्मान दिए जाने का ज़िक्र किया।
अंत में, उन्होंने कहा कि बस्तर दशहरा, मुरिया दरबार और पंडुम उत्सव भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता का प्रतीक हैं।




