छत्तीसगढ़

रायगढ़ जिले के झरना गांव की संतोषी महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने मछली पालन का काम शुरू किया और साल भर में ढाई लाख मुनाफा कमाया

रायगढ़। अपने पैरों पर खड़े होकर स्वावलंबन की राह चलते घर, परिवार व बच्चों के लिए कुछ अच्छा कर सकें यह सोच रखने वाली घरेलू महिलाओं ने मछली पालन को अपने उद्यम का जरिया बनाया। जिसमें न केवल उन्होंने सफलता हासिल की बल्कि अब वे अपने इस काम को नई ऊंचाईयां दे रही है। स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों विशेषकर महिलाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सोच के अनुरूप रायगढ़ जिले के विकासखण्ड तमनार के झरना गांव की संतोषी महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने अपने गांव के बड़े तालाब में मछली पालन का पट्टा लेकर काम 2020-21 में शुरू किया। एक साल में महिलाओं ने दो से ढ़ाई लाख रुपये का मुनाफा कमा लिया है। मछली पालन से हो रही आय का उपयोग महिलाएं अपने घर चलाने के साथ बच्चों की अच्छी तालीम पर खर्च कर रही है।
विकासखण्ड तमनार के ग्राम-झरना में संतोषी महिला स्व-सहायता समूह है, जिसमें 11 महिलाएं शामिल है। शासन की योजना के तहत उन्हें मछली पालन पालन हेतु वर्ष 2020-21 से दस वर्षीय पट्टा आबंटित किया गया है। उनके द्वारा गांव में ही मछली पालन का कार्य किया जा रहा है। समूह को विभाग द्वारा मछली बीज, जाल, आईस बाक्स आदि सहायता भी दिया गया है। समूह के द्वारा एक साल में करीब 20 से 25 हजार रुपये के उन्नत किस्म का रोहू, कतला एवं मृगल मछली बीज संचयन किया गया है। समूह द्वारा तीन से चार माह के अंतराल में मत्स्याखेट कर करीब 350 से 400 किलो ग्राम मछली निकाला जाता है। जिसे साप्ताहिक बाजार एवं स्थानीय गांव में 150 से 180 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से विक्रय कर करीब 60 से 70 हजार रुपये की आय अर्जित कर रही है। इसी तरह समूह को सलाना दो से ढ़ाई लाख रुपये तक मछली से आय प्राप्त हो रही है। मछली पालन से समूह की महिलाएं स्वावलंबी हुई है। उन्होंने अपने आर्थिक स्थिति में हुई सुधार के लिए छत्तीसगढ़ शासन एवं मत्स्य पालन विभाग को धन्यवाद दे रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button