फरसपाल की महिलाएं: अब सपनों की सवारी चलाती हैं

दंतेवाड़ा जिले के फरसपाल गांव की सड़कों पर अब एक टाटा मैजिक दौड़ती है — लेकिन ये सिर्फ एक वाहन नहीं, ये गांव की महिलाओं के आत्मविश्वास, मेहनत और आत्मनिर्भरता की गूंज है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के माध्यम से फरसपाल की साधारण गृहणियों ने असाधारण कदम उठाया है। गंगादेवी स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मिलकर एक टाटा मैजिक खरीदी और दंतेवाड़ा, गीदम, कुंदेनार जैसे आस-पास के गांवों के लिए परिवहन सेवा शुरू की।
यह सेवा सिर्फ यात्रा का माध्यम नहीं बनी, बल्कि इन महिलाओं की स्थायी आमदनी का सशक्त जरिया बन गई। दंतेवाड़ा प्रशासन ने इन्हें ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया, और समूह ने एक ड्राइवर की नियुक्ति कर इस सेवा को कुशलता से संचालित किया।
गृहणियां बनीं हिसाब-किताब की जिम्मेदार
समूह की सदस्य श्रीमती यन्ति ठाकुर अब इस सेवा का पूरा लेखा-जोखा संभालती हैं। कभी जो सीमित आमदनी में जीवन जीती थीं, अब बचत, निवेश और प्रबंधन की मिसाल बन चुकी हैं। उनके अनुसार, “समूह से जुड़कर हमारी सोच बदली, और सोच के साथ जीवन भी।”
26 हजार की कमाई, परिवार और गांव में बदलाव
गंगादेवी समूह की मासिक कमाई अब लगभग ₹26,000 है। महिलाएं न केवल अपने घरों की आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही हैं, बल्कि बच्चों की पढ़ाई, घर की जरूरतें और बचत — हर स्तर पर संतुलन बनाकर एक नई मिसाल पेश कर रही हैं।
जब सपनों को मिली रफ्तार
फरसपाल की गंगादेवी स्व-सहायता समूह ने साबित किया है कि जब महिलाओं को अवसर और थोड़ी सी दिशा मिलती है, तो वे सिर्फ अपने परिवार नहीं, बल्कि पूरे समाज को आगे बढ़ा सकती हैं। आज जो टाटा मैजिक सड़कों पर दौड़ रही है, वह किसी वाहन की नहीं — महिलाओं के सपनों और संघर्ष की सवारी है।



