रायपुर। छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव सरकार किसी भी हालत में कवर्धा कांड के मुद्दे को विपक्ष का सियासी रिचार्ज नहीं बनने देना चाहती, लिहाजा इस मुद्दे को अपने पक्ष में करने के लिए वो हर संभव कोशिश कर रही है, इसके लिए विष्णुदेव सरकार चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है, कवर्धा कांड पर अगर आप सरकार के पिछले कुछ दिनों के फैसलों पर नजर डालें तो पाएंगे कि सरकार ने कई बड़े कदम उठाए जो शायद इससे पहले प्रदेश में कभी नहीं उठाए गए होंगे ।
कवर्धा कांड में प्रशांत साहू की हिरासत में मौत के बाद से ही सरकार बैकफुट पर आ गई थी, और विपक्ष को अच्छा खासा मुद्दा मिल गया था, लेकिन इसके बाद से ही सरकार ने अपनी ओर से प्रयास शुरू कर दिए ।
इस मामले में सबसे पहले कवर्धा एएसपी विकास कुमार को सस्पेंड किया गया, लेकिन इससे भी काम नहीं बना और मुद्दे को विपक्ष भी लगातार हवा देता रहा और बंद का आह्वान कर दिया, लेकिन विपक्ष का बंद असफल करने के लिए सीएम विष्णुदेव साय ने जिला कलेक्टर और एसपी को हटा दिया, इसके साथ ही रात में ही आईजी ने संबंधित थाने के टीआई समेत पूरा थाना ही लाइन अटैच कर दिया ।
सरकार को इसका फायदा भी मिला और कांग्रेस ने जो बंद बुलाया था, वो बेहअसर साबित हुआ, लेकिन कवर्धा में आग अभी भी सुलगी हुई थी, लिहाजा आनन-फानन में दोनों डिप्टी सीएम को कवर्धा के लिए रवाना कर दिया गया, जहां उन्होने लोहारीडीह जाकर पीड़ित प्रशांत साहू की मां से मुलाकात की और उन्हें दस लाख रुपए मुआवजे का चैक देने के साथ ही सभी मौतों की जांच कराने की घोषणा कर दी ।
हालांकि अगर बहुत बड़ा कोई कांड दोबारा नहीं होता है तो ये मुद्दा शांत होने को ही है, लेकिन फिर भी विष्णुदेव सरकार शांत आग में से निकल रहे धुंए को भी उठने से रोकना चाहती है, लिहाजा अब यहां उन्होने ईश्वर साहू को भी लगा दिया है ।
ये वही ईश्वर साहू हैं, जो खुद भी कभी इसी तरह के हालातों से गुजर चुके हैं, लेकिन उस वक्त विपक्ष में रही भाजपा ने उनके जरिये न सिर्फ पूरे प्रदेश से साहू वोटर को अपने पाले में किया बल्कि ईश्वर साहू जैसे आम आदमी को विधायक बनाकर ये बताने की कोशिश की, कि भाजपा ही है जो सभी वर्ग का ध्यान रखती है ।
खैर ईश्वर साहू भी कवर्धा पहुंचे और उन्होने पीड़ित परिवार से मुलाकात की इसके साथ ही एक मंझे हुए नेता की तरह उन्होने कवर्धा में प्रेस कांफ्रेंस की और पूर्व सीएम भूपेश बघेल को भी जमकर घेरा, विधायक ईश्वर साहू ने कहा कि 5 साल तक भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री रहते हुए ऐसी अनेक घटनाओं पर चुप्पी साधे रखी, और आरोपियों को संरक्षण देते रहे है । उन्होंने स्वयं राज्य के मुखिया के रूप में कभी भी संवेदना नही दिखाई उनके मुह से न्याय शब्द ही बैमानी लगती है ।
खैर भाजपा अपनी ओर से जमकर प्रयास कर रही है, जिसकी वजह से कुछ हद तक ये मामला शांत होता भी नजर आ रहा है, लेकिन इस मुद्दे पर सियासी फायदा किसे होगा, ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा ।