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संसद में बवाल: विपक्ष ने फाड़ी बिल की कॉपी, कंगना रनौत बोलीं – “ये लोकतंत्र पर हमला है”

संसद के मानसून सत्र का बुधवार का दिन इतिहास के पन्नों में एक और काली स्याही से दर्ज हो गया। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए विवादित “संसदीय पदों से इस्तीफा विधेयक” पर चर्चा के दौरान लोकसभा में अभूतपूर्व हंगामा देखने को मिला। विपक्षी सांसदों ने न सिर्फ बिल की कॉपियां फाड़ीं, बल्कि कुछ ने इन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर उछाल भी दिया।

गहमागहमी के बीच बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत का तीखा बयान सामने आया है। उन्होंने इस घटना को “लोकतंत्र का चीरहरण” बताते हुए विपक्ष पर जमकर हमला बोला।

“जो दृश्य आज संसद में देखने को मिला, वह किसी भी लोकतांत्रिक और सभ्य समाज को शर्मसार कर देने वाला है,” कंगना ने कहा।
“सिर्फ नारेबाज़ी ही नहीं, विपक्षी सांसदों ने गृह मंत्री का माइक हटाने की कोशिश की, बिल की कॉपी उनके चेहरे पर फेंकी, और मेरे पास जानकारी है कि कुछ लोग पत्थर भी लेकर आए थे। ये सिर्फ विरोध नहीं, हिंसा थी।”

कंगना ने यह भी सवाल उठाया कि क्या अब संसद भी सुरक्षित नहीं रही?

क्या है वो बिल जिस पर मचा बवाल?

गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान में 130वां संशोधन पेश किया, जिसमें यह प्रावधान है कि अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री लगातार 30 दिन हिरासत में रहता है, तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना होगा, अन्यथा उसकी पदवी स्वतः समाप्त मानी जाएगी।

विपक्ष का आरोप है कि इस बिल के जरिए राजनीतिक बदले की कार्रवाई को संस्थागत रूप दिया जा रहा है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इसे “संविधान की आत्मा के खिलाफ” बताते हुए कहा कि इससे संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग का रास्ता खुल जाएगा।

सत्ता पक्ष संयम में, लेकिन सवाल बरकरार

जहां एक ओर बीजेपी सांसदों ने खुद को संयमित बताते हुए विपक्ष की आलोचना की, वहीं आम नागरिकों और विशेषज्ञों के बीच यह बहस छिड़ गई है कि क्या यह विधेयक लोकतंत्र को मजबूत करेगा या फिर उसकी जड़ों को कमजोर?

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