Uncategorized

फॉक्सवैगन को बड़ा झटका

एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने कार निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन से कहा कि वह कल शाम 5 बजे तक 100 करोड़ रुपये जमा कराए, वरना उसके कंट्री हेड की गिरफ्तारी और भारत में कंपनी की संपत्तियां जब्त करने जैसे कड़े ऐक्शन लिए जाएंगे.

आपको बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की चार सदस्यीय कमेटी ने जर्मन कार मेकर कंपनी फॉक्सवैगन पर गलत सॉफ्टवेटर का इस्तेमाल कर दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ाने को लेकर 171.34 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि फॉक्सवैगन की कारों से साल 2016 में लगभग 48.678 टन नाइट्रोजन ऑक्साइड को दिल्ली की हवा में घोला.

कंपनी ने यह बात स्वीकार की थी की उसने 11 मिलियन डीजल वाहनों में गलत डिवाइस का इस्तेमाल किया था. इन वाहनों का यूएस, यूरोप के साथ कई ग्लोबल मार्केट में बेचा गया था.

फॉक्सवैगन ने साल 2015 में कुल 3,23,700 वाहनों को रिकॉल किया था जो भारत के एमिशन स्टैंडर्ड BS-IV की तुलना में लगभग 1.1 से 2.6 गुना तक एमिशन कर रहे थे. यह जानकारी ARAI द्वारा कुछ मॉडल्स पर किए टेस्ट से निकलकर सामने आई.

फॉक्सवैगन ग्रुप के वाहनों से हवा में नाइट्रोजन

ऑक्साइड घुलने के स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान की अनुमानित राशि 171.34 करोड़ रुपए है.  इस कीमत को रूढ़िवादी भी माना जा सकता है क्योंकि भारत में इस तरह की कोई टेक्नोलॉजी नहीं है जिससे नाईट्रोजन ऑक्साइड से वातावरण के हुए नुकसान को मापा जा सके.कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इसमें सिर्फ दिल्ली शहर की बात की जिसमें माना गया है कि फॉक्सवैगन की कारों की वजह है लगभग 48.678 टन नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) को दिल्ली की आबोहवा को नुकसान पहुंचाया है.

NGT ने पिछले साल 16 नवंबर को पैनल बनाया और एक्सपर्ट के तौर पर इंवायरमेंटल नार्म्स और प्रदूषण की वजह से वातावरण पर हुए नुकसान पर अपनी राय दी जिसमें कमेटी ने यह कहा कि ऑटोमोबाइल नाइट्रोजन ऑक्साइट एमिशन का मुख्य सोर्स है. वहीं नाइट्रोजन ऑक्साइड से हमें नाइट्रोजन डाइऑक्साइड भी मिलता है.नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के अधिक समय तक संपर्क में लेने पर अस्थमा जैसे रोग तो होती ही है साथ ही श्वास संबंधि इंफेक्शन होने की अशंका भी बहुत अधिक बढ़ जाती है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button