नवरात्र के अवसर पर शक्तिपीठों की महिमा और स्वदेशी की अपील: मुख्यमंत्री साय

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवरात्र के प्रथम दिन ही छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध शक्तिपीठों का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी, धमतरी में मां अंगारमोती और बिलईमाता, सरगुजा और रतनपुर में मां महामाया, डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी जैसी अनेक माताएं प्रदेश में विराजमान हैं। इन सभी शक्तिपीठों का आध्यात्मिक महत्व छत्तीसगढ़ की आस्था को मजबूत करता है और यह सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी राज्य को विशिष्ट पहचान प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवरात्र के पहले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी रिफॉर्म लागू कर देश की आर्थिक गतिविधियों को नई गति दी है। यह सुधार व्यापार को आसान बनाएगा और उपभोक्ताओं को भी प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाएगा। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि “बचत उत्सव” के माध्यम से नागरिकों की जेब में उल्लेखनीय बचत हो रही है, जिससे अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा आ रही है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि जब भी बाजार जाएँ, स्वदेशी वस्तुओं की खरीद को प्राथमिकता दें। इसके जरिए न केवल देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, बल्कि स्थानीय स्तर पर उत्पादन और स्वरोजगार के नए अवसर भी सृजित होते हैं। उन्होंने स्वदेशी को अपनाने को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम करार दिया और कहा कि यही देश की समृद्धि का आधार बनेगा।
इस अवसर पर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक मोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा, सुनील सोनी, अनुज शर्मा, पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल, स्थानीय जनप्रतिनिधि, मंडल आयोग के अध्यक्ष, कच्छ कड़वा पाटीदार समाज और गुजराती लोहाणा महाजन समाज के वरिष्ठजन सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।


