
रायपुर
- हमारे जीवन में हमारे पैरंट्स का रोल बहुत ज्यादा अहम होता है हम तब तक निश्चिंत होकर किसी भी जगह पर यह किसी भी शहर में काम करते हैं या घूमते फिरते हैं हमारे पेरेंट्स घर पर होते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं कि अपनी चिंता को दूर करने के लिए अपने पेरेंट्स को ही घर से बाहर कर देते और पैरंट्स को रहने के लिए जगह नहीं मिलती|
- ऐसे में तब वह वृद्ध आश्रम की शरण में जाते लेकिन किसी वृद्ध आश्रम में एक साथ रहते हैं ऐसे लोगों को पल भर की खुशियां ही सही लेकिन उनके साथ समय बिताना और उनके बचे हुए समय का सबसे मूल्यवान समय बनाने की एक अच्छी सी कोशिश कुछ समाजसेवी करते है|
- अभी हाल ही में वृद्ध आश्रम में संगीत का कार्यक्रम रखा गया हम लोग अक्सर हमारे हिंदी फिल्म जगत से काफी प्रेरित होते हैं और हमारी हिंदी फिल्म बागवान एक ऐसी फिल्म थी जो हमारे घर के बड़ों हमारे बुजुर्गों के साथ क्या कैसी घटनाएं घटती है उस पर आधारित बागबान नाम पर उसी तरह की थीम पर वृद्धा आश्रम के लोगों को पुराने और नए गानों को शहर की प्रसिद्ध गायकों के साथ गुनगुनवाया और खुद भी गाया|
- इस कार्यक्रम में बुजुर्गों की खुशियों को बढ़ाने के लिए कई सारी चीजें रखी गई थी एक सेल्फी जोन बनाया था कुछ बुजुर्गों ने अपने मित्रों के साथ सेल्फ़िया ली और नेताओं के साथ भी सेल्फ़िया ली जो पुराने नेता आए हुए थे और अपनी उन चीजों को यादगार बनाया उसको फिर उनके मोबाइल पर उनके लिए अलग से बनवा कर भेजा भी गया|
- बुजुर्गों के लिए किए गए इस कार्यक्रम में बड़े नेता मंत्री भी पहुंचे ,पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व आरडी अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव रहे वहीं इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाले कई सारे समाजसेवी भी वहां मौजूद रहे सतीश कटारा सहित ,महेश दरयानी ,भरत बजाज , रविंद्र सिंह, डॉक्टर हंसमुख , डीके लाहोटी ,डॉ ऋषि गुप्ता , डॉ.सोभित राणा , विनोद टेकवानी आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए मौजूद लोगों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई|