
कोरबा : गरीबों के लिए आबंटित होने वाले सस्ते मूल्य के सरकारी चांवल की अफरा-तफरी के मामले को रफा-दफा किया जा रहा है। पोंड़ी-उपरोड़ा तहसील के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की भूमिका संदिग्ध है। जानकारी के अनुसार 29 अगस्त 18 को पोंड़ी-उपरोड़ा तहसील के अमली कुण्डा ग्राम पंचायत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का राशन परिवहन करने वाले एक ट्रक और एक व्यापारी के पिकअप वाहन को संदिग्ध अवस्था में पाया गया। खाद्य निरीक्षक उर्मिला गुप्ता ने जांच किया तो पिकअप में पी.डी.एस. का सात बोरी चांवल पाया गया।
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वाहन चालकों और हमालों का बयान लेने और छत्तीसगढ़ वेयर हाउसिंग कारपोरेशन तथा छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल कारपोरेशन के प्रबंधक के कथन के बाद जांच में पाया गया कि पिकअप में मिला सात बोरी चावल पी.डी.एस. का है।
खाद्य निरीक्षक उर्मिला गुप्ता की जांच में यह निष्कर्ष निकला कि ट्रक में चालान से अधिक मात्रा में चावल लोड किया गया था, जिसे खुले बाजार में वे लोग विक्रय करना चाहते थे।
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खाद्य निरीक्षक और मामले की जांच अधिकारी उर्मिला गुप्ता ने 31 अगस्त को अपना जांच प्रतिवेदन पोड़ी उपरोड़ा के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को सौंपा है। जांच प्रतिवेदन में ट्रक ड्रायवर, रहमुद्दीन अंसारी, हमाल आसाराम, पे्रमदास, सहदेव, सहेत्तर, पिकअप ड्रायवर प्रेम सागर, ट्रांसपोर्टर कविता जैन और ट्रक मालिक महावीर जैन, पिकअप मालिक केशव उपाध्याय, वेयर हाउस प्रबंधक बी.आर.शिव और नान के केन्द्र प्रभारी विजय निगम द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश-20001 एवं 2016 के प्रावधानों का उल्लंघन किये जाने की पुष्टि की गयी। जांच अधिकारी ने प्रकरण र्शास्त (दण्ड) योग्य बताते हुए आवश्यक कार्यवाही की अनुशंसा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) से की है।
शासकीय राशन के अफरा-तफरी के इस मामले की रिपोर्ट 31 अगस्त प्राप्त हो जाने के बाद से ही इसे रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अखिलेश साहू कथित रूप से एक सप्ताह से प्रकरण को ठंडे बस्ते में डालकर बैठे हुए हैं।
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सूत्रों के अनुसार मूल जांच प्रतिवेदन को बदलने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि परिवहनकर्ता, ट्रक मालिक और पिकअप मालिक को दण्ड से बचाया जा सके। प्रकरण में दोनों वाहनों के चालकों और हमालों यानि छोटी मछलियों को फंसाकर बड़ी मछलियों को अभयदान देने की यह कोशिश कितनी सफल होती है, देखना होगा।
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