नक्सलवाद के अंत और विकास की शुरुआत: छत्तीसगढ़ में नया बदलाव

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को सुदर्शन चैनल के एक साक्षात्कार में स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करना और राज्य को विकास की राह पर अग्रसर करना है। नक्सल प्रभावित इलाकों में अब तक 327 गांव पुनः बसाए जा चुके हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। सरकार ने 31 मार्च 2026 तक राज्य से नक्सलवाद खत्म करने का संकल्प लिया है। इसके लिए ज्वाइंट टास्क फोर्स का गठन कर ठोस कार्रवाई जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के साथ-साथ छत्तीसगढ़ को भी विकसित राज्य बनाने के लिए “अंजोर विजन 2047” डॉक्युमेंट तैयार किया गया है। सभी नागरिकों से इसमें सहयोग की अपील की गई है।
बस्तर के आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे आयोजनों के माध्यम से जागरूकता और भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है। 1.65 लाख से अधिक प्रतिभागियों ने इसमें भाग लेकर विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।
विदेश यात्रा के दौरान जापान और कोरिया में 150 से अधिक उद्यमियों से संपर्क हुआ और आने वाले 6-7 महीनों में 7 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। प्रदेश में उद्योग और शिक्षा के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हो रही है — जिसमें एम्स, IIT, IIM, NIT जैसे संस्थानों की स्थापना शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेदिक और हर्बल संसाधनों की भरपूर उपलब्धता के चलते छत्तीसगढ़ औद्योगिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत समृद्ध है।
सड़क पर घूम रही गायों को लेकर उन्होंने नागरिकों से अपील की कि उन्हें लावारिस न छोड़ें। गौवंश की रक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। गोचर भूमि पर अवैध कब्जों को हटाने के लिए सरकार सख्ती से कार्रवाई कर रही है।




