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बीजापुर के जंगलों से चंडीगढ़ की चमक तक: बेटियों ने रचा इतिहास, सॉफ्टबॉल में जीता ब्रॉन्ज मेडल

रायपुर/बीजापुर । जिस ज़िले को अब तक अक्सर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता रहा है, अब वहाँ की बेटियाँ देशभर में खेल की दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रही हैं। बीजापुर की सुदूर वनांचल की बेटियों ने चंडीगढ़ में आयोजित जूनियर नेशनल सॉफ्टबॉल प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल हासिल कर पूरे राज्य का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है।

छत्तीसगढ़ की टीम में बीजापुर से चुनी गई 6 होनहार खिलाड़ी – अनुराधा कोवासी, अस्मिता मरपल्ली, ज्योति ओयाम, रिंकी हेमला, लक्ष्मी बघेल और पूजा कोरसा – ने न सिर्फ टीम में अपनी जगह पक्की की, बल्कि पदक जीतने में भी निर्णायक भूमिका निभाई।

इन बेटियों के गौरवमयी स्वागत के लिए एक विशेष समारोह आयोजित किया गया, जहाँ ज़िले के कलेक्टर श्री संबित मिश्रा ने उन्हें मेडल पहनाकर सम्मानित किया और उनके आत्मविश्वास को सलामी दी। कलेक्टर ने खिलाड़ियों से उनके अनुभव, मुकाबले की चुनौतियाँ और अंतरराज्यीय मुकाबले के स्तर के बारे में भी गहराई से चर्चा की।

इतना ही नहीं, बैंकॉक में आयोजित एशियन सॉफ्टबॉल चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले बीजापुर के दो सपूत – राकेश पुनेम और राकेश कड़ती – को भी इसी मौके पर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा, “बीजापुर के खिलाड़ियों ने यह सिद्ध कर दिया कि समर्पण, मेहनत और आत्मविश्वास के साथ कोई भी मंज़िल दूर नहीं। जिला प्रशासन हर सम्भव सहयोग के लिए तैयार है।”

समारोह में जिला खेल अधिकारी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। यह दिन बीजापुर के लिए खेल जगत में मील का पत्थर साबित हुआ – एक संदेश कि प्रतिभा को सिर्फ मंच चाहिए, चाहे वो जंगलों से निकली हो या किसी महानगर से।

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