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न्याय के मंदिर में असहिष्णुता की दस्तक – PM मोदी ने जताई नाराज़गी, CJI गवई के संयम की सराहना

सुप्रीम कोर्ट जैसी सर्वोच्च संस्था में उस वक़्त हड़कंप मच गया जब एक वरिष्ठ वकील ने मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर सुनवाई के दौरान जूता फेंकने की कोशिश की। इस निंदनीय हरकत ने न सिर्फ न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाई, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।

इस घटना के कुछ ही घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हमारे समाज में ऐसे कृत्यों के लिए कोई स्थान नहीं है। यह न केवल निंदनीय है, बल्कि हमारे लोकतंत्र और संविधान की भावना के खिलाफ है।”

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर यह भी बताया कि उन्होंने CJI गवई से व्यक्तिगत रूप से बात की और उनके द्वारा दिखाए गए संयम और धैर्य की सराहना की। उन्होंने लिखा, “CJI ने जिस तरह से इस तनावपूर्ण क्षण में न्यायिक मर्यादा को बनाए रखा, वह हमारे संविधान के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है।”

क्या है पूरा मामला?

घटना आज उस समय घटी जब सुप्रीम कोर्ट में एक केस की सुनवाई चल रही थी। तभी एक 71 वर्षीय वकील ने अचानक अपना जूता निकालकर CJI की ओर फेंक दिया। सुरक्षा अधिकारियों ने तुरंत वकील को हिरासत में ले लिया। कोर्ट से बाहर निकलते समय वकील ने चिल्लाते हुए कहा, “भारत सनातन धर्म के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा।”

यह पूरी घटना कुछ हफ्ते पहले CJI द्वारा मध्य प्रदेश की एक क्षतिग्रस्त विष्णु प्रतिमा को लेकर की गई एक कथित टिप्पणी के बाद हुई है, जिसे कुछ वर्गों द्वारा अपमानजनक माना गया था।

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