
छत्तीसगढ़ में 31 जनवरी तक धान खरीदी जारी रहेगी। इसके लिए 85 लाख मीट्रिक टन खरीदी का अनुमान है। यह जानकारी भूपेश कैबिनेट की बैठक के बाद कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने दी। उन्होंने बताया अब भंडार क्रय नियमों के मुताबिक सरकार स्थानीय उद्योगों से ही सामग्री की खरीद करेगी।
उन्होंने बताया कि अब तक 71 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो गई है। अनुमान है कि 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी होगी। अभी 10 दिन बचे हैं, इस वर्ष 75 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य था। उन्होंने कहा, केंद्र को पत्र लिखेंगे कि पूरे धान की खरीदी की जाए। करीब साढ़े 6 लाख मीट्रिक टन धान बचेगा, 31 जनवरी तक जितना धान आएगा उसे खरीदा जाएगा। शेष धान को नान के माध्यम से उपयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि धान खरीदी पुराने बोरों में की जाएगी। राइस मिलरों के रिसायकिलिंग की शिकायतों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भूपेश कैबिनेट के बाद प्रेसवार्ता में मंत्री रविन्द्र चौबे और मो. अकबर ने बताया कि सरकार ने 75 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य पिछली बार रखा गया था. इस बार अब तक 71 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है. अनुमान है कि 85 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होगी. 126 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होता है. 71 फीसदी धान की खरीदी होगी.
केंद्र सरकार और राज्य के पूल में से अरवा चावल की 31 लाख मीट्रिक टन चावल की जरूरत होती है. इसकी अनुमति केंद्र ने दी है. लेकिन केन्द्र सरकार ने उसना चावल की 24 लाख मीट्रिक टन खरीदी की ही अनुमति दी है, जबकि 32 लाख मीट्रिक टन की जरूरत होगी. इसके लिए राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार को चिट्ठी लिखी थी लेकिन अनुमति नहीं दी है इसलिए अब फिर से नई चिट्ठी लिखेंगे.
68.1 मीट्रिक टन धान की खपत होगी.
– खरीदी की अनुमति दी जानी चाहिए. छत्तीसगढ़ सरकार के 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदी.
– 31 जनवरी तक जितना धान आएगा हम किसानों का पूरा धान खरीदेंगे. 4.60 लाख मीट्रिक टन शेष रहता है तो नान के माध्यम से हम इसका उपयोग करेंगे. बजट में राशि का प्रावधान करेंगे.
– कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि पुराने बोरे से भी धान खरीदा जाए.
– राइस मिलर्स के रिसाइकिल को लेकर आने वाली शिकायतें पर भी सख्ती से कार्यवाई की जाएगी
– 17 दिसम्बर को केंद्र को मुख्यमंत्री ने पत्र लिखा था. 24 लाख टन खरीदी की स्वीकृति केंद्र की है, इसे बढ़ाकर 32 लाख करने की मांग की गई थी लेकिन अब तक स्वीकृति नहीं आई है.
– जेम से खरीदी के निर्णय को सरकार ने बदला. छत्तीसगढ़ क्रय एवं भंडार अधिनियम के तहत कैबिनेट ने फैसला लिया है कि सीएसआईडीसी के जरिये खरीदी सरकार करेगी. छत्तीसगढ़ जेम की तर्ज पर खुद का पोर्टल बनाएगी. इसमें छह महीने का समय लगेगा.
https://www.youtube.com/watch?v=EZUNmiVE4uE