पीड़ितों के इलाकों में लोग अभी भी अलर्ट; घरों से नहीं निकल रहे, बाल्कनी से भी बनाई दूरी

रायपुर. (Fourth Eye News) राजधानी में 19 मार्च को कोरोना का पहला मरीज मिलने के बाद से मचा हड़कंप भले ही धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन जहां पीड़ित मिले हैं उन इलाकों में अभी भी लोग दहशत में है। कोरोना पीड़ितों के ठीक होने से लोग खुश हैं, लेकिन बाहर निकलने से बच रहे हैं। समता कॉलोनी, अहमद जी कॉलोनी, देवेंद्र नगर, रामनगर और डीडी नगर कंचन गंगा में अभी भी लोग जबरदस्त सावधानी बरत रहे हैं। घरों से बाहर न निकलने के प्रशासनिक आदेश का लोग पूरी तरह से पालन कर रहे हैं।
समता कॉलोनी- शाम 4 बजे
समता कॉलोनी में पिछले 17 दिनों से लॉकडाउन है। कोरोना के मरीज मिलने के बाद से स्टापर और बेरिकेड्स लगाकर सील कर दिया गया है। बेरीकेड अब तक लगे हैं। पुलिस के जवान अभी भी हर आने-जाने वालों पर नजर रख रहे हैं। कोरोना पीड़ित युवती स्वस्थ होकर अपने घर लौट आई है, लेकिन सन्नाटा नहीं टूटा। आमतौर पर लोग शाम को घर के बाहर लॉन या बाल्कनी में टहलते हैं, लेकिन रविवार को एक भी मकान की छत पर न बाल्कनी पर कोई नजर आया।
देवेंद्र नगर- शाम 4.30 बजे
देवेंद्र नगर का काेरोना पीड़ित युवक स्वस्थ्य होकर घर लौटा आया है। इसका असर इलाके में नजर नहीं आया। कालोनी इलाके की जिस सड़क पर नजर गई, वहां सूनापन ही नजर आया। मेन रोड और थाने वाली सड़क पर कुछ चहल-पहल दिखी। अलबत्ता जहां पीड़ित का मकान है उसके आस-पास शाम को भी कोई अपने दरवाजे पर नहीं आया। कॉलोनी में सिर्फ पार्क हुई गाड़ियों की लंबी कतार दिखाई दी। छत पर भी लोग नहीं दिखे।
रामनगर- शाम 5.30 बजे
रामनगर घना इलाका है। यहां के लोग भी खासी सावधानी बरत रहे हैं। प्रशासन ने पॉजिटिव केस आने के बाद लोगों को सख्ती से घरों में रहने को कहा। इलाके के लोग इसका पालन भी कर रहे हैं। जहां लोग घर के मुहाने में बैठे दिखते थे, वे दरवाजे पर भी नहीं खड़े हो रहे हैं। पुलिस का पहरा लगा हुआ है। यहां की कुछ गलियों को तो लोगों ने बंद कर दिया है। केवल वहां रहने वाले निकल रहे हैं, उनके लिए भी टाइम टेबल तय है।
अहमद जी कॉलोनी- शाम 5 बजे
इस कॉलोनी के आसपास बस्ती और घनी आबादी भी हैं। यहां पर लोग अक्सर घरों के बाहर बैठे हुए मिल जाते थे। लॉक डाउन में भी यहां चहल-पहल दिखाई देती थी, लेकिन कोरोना के मरीज मिलने के बाद से लोग घरों से निकलना बंद कर दिया है। रविवार को भी के बस्ती लोग दिखाई नहीं दिए। यहां की मंदिर में भी ताला लगा है। सिर्फ पुजारी ही पूजा करने आते हैं और थोड़ी देर रहकर चले जाते हैं।