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इन्द्रावती टाइगर रिजर्व में टाइगर नहीं, एनटीसीए ने रोका बजट!

देश के तीसरे सबसे बड़े इन्द्रावती टाइगर रिजर्व में बाघ होने की पुष्टि नहीं होने से नेशनल टाइगर कंजर्वेशन ऑथोरिटी ने बाघ संरक्षण मद पर रोक लगा दी है. अब डीएनए परीक्षण के बाद ही बाघ की मौजूदगी का पता लगेगा. हालांकि इन्द्रावती टाइगर रिजर्व बीजापुर के उपसंचालक ने एनटीसीए को 12 बाघों की मौजूदगी होने की रिपोर्ट जरुर भेजी है, लेकिन एनटीसीए ने रिपोर्ट को नहीं माना है.

बता दें कि वर्ष 2018 में इन्द्रावती टाइगर रिजर्व बीजापुर की ओर से एक रिपोर्ट तैयार कर नेशनल टाइगर कंजर्वेशन ऑथरिटी को भेजी गई है। यहां 12 बाघ होने के साक्ष्य को मद्देड, कुटरू कोर, पासेवाड़ा, सेंड्रा व पिल्लुर जैसे रेंजों में किये गए सर्वे में मिले साक्ष्य के आधार पर रिपोर्ट बनाई गई है. जिन साक्ष्यों को जुटा कर रिपोर्ट तैयार की गई है, उनमें से बाघ का पंजा, मल व उसके शिकार के साक्ष्य शामिल हैं.

इन्द्रावती टाइगर रिजर्व के एसडीओ रामसेवक वट्टी ने बताया कि अक्टूबर 2018 में टाइगर होने की एक रिपोर्ट एनटीसीए को भेजी गई थी, लेकिन एनटीसीए रिपोर्ट को नहीं मान रही है. एसडीओ वट्टी ने बताया कि डीएनए परीक्षण के बाद एनटीसीए साफ करेगा कि आईटीआर में बाघ है या नहीं. उन्होंने आगे बताया कि इसके चलते ही नवम्बर से राष्ट्रीय बाघ अभिकरण मद को एनटीसीए ने रोक दिया है. इसमें सालाना दो करोड़ रुपये का बजट दिया जाता है.

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