
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से सामने आया 7 करोड़ रुपये का तेंदूपत्ता घोटाला अब तूल पकड़ता जा रहा है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने इस बहुचर्चित मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें चार वनकर्मी और सात प्राथमिक वनोपज समिति के प्रबंधक शामिल हैं।
इससे पहले तत्कालीन डीएफओ अशोक कुमार पटेल को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। EOW के मुताबिक पटेल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अन्य वन अधिकारियों और समिति प्रबंधकों के साथ मिलकर करोड़ों की धोखाधड़ी को अंजाम दिया।
आरोप है कि तेंदूपत्ता संग्राहकों को जो बोनस मिलना था, वो लाभ उनके तक नहीं पहुंचा। इसके बजाय यह राशि अधिकारियों और कुछ निजी व्यक्तियों की जेब में चली गई। जांच में सामने आया है कि यह सब एक योजनाबद्ध आपराधिक साजिश के तहत किया गया।
गिरफ्तार किए गए वनकर्मियों में चैतूराम बघेल, देवनाथ भारद्वाज, पोड़ियामी हिडमा (इडिमा), और मनीष कुमार बारसे (वनरक्षक) शामिल हैं। वहीं, समिति प्रबंधकों में पायम सत्यनारायण उर्फ शत्रु, मोहम्मद शरीफ, सीएच रमना उर्फ चिट्टी, सुनील नुप्पो, रवि कुमार गुप्ता, आयतू कोरसा और मनोज कवासी के नाम हैं।
इन सभी के खिलाफ IPC की धारा 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। केस का नंबर 26/2025 है। अब तक इस मामले में कुल 12 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, और EOW की जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है।