गांवों की धड़कन को टटोलते कलेक्टर: बच्चों से बातें, खेतों की सैर और गांववालों से खुली बातचीत

कोरिया। जिले के कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी आज सोनहत विकासखंड के गाँव उज्ञाव, सिंघोर और रामगढ़ के दौरे पर रहीं। लेकिन यह कोई औपचारिक दौरा नहीं था—यह एक ऐसे अफसर का दौरा था जो ज़मीन की सच्चाई को करीब से देखना और समझना चाहती थीं।
कक्षा में बैठ बच्चों से पूछे सवाल
दौरे की शुरुआत हुई माध्यमिक शाला उज्ञाव से, जहाँ कलेक्टर खुद बच्चों की कक्षा में पहुँचीं और छठवीं कक्षा के छात्रों से जोड़, गुणा और भाग के सवाल पूछे। बच्चों की उत्सुकता और मासूम उत्तरों को सुनकर उन्होंने शिक्षकों से कहा कि बच्चों की बुनियादी समझ मजबूत करना जरूरी है।
फिर वे पहुँचीं प्राथमिक शाला सिंघोर, जहाँ छोटी सी छात्रा परमेश्वरी ने उनके सवालों के सटीक जवाब देकर सबका दिल जीत लिया। कलेक्टर ने उसे एक पेन गिफ्ट कर उसका उत्साह बढ़ाया और कहा—“यही है कोरिया की असली प्रतिभा।” कक्षा पांचवीं की रामेश्वरी ने भी पूरे आत्मविश्वास से जवाब दिए।
चॉकलेट से छात्रों का उत्साहवर्धन
हाईस्कूल सिंघोर में नवमीं-दसवीं के छात्रों से संवाद करते हुए कलेक्टर ने उन्हें चॉकलेट दी और पढ़ाई के प्रति नियमितता का महत्व बताया—“रोज स्कूल आओगे, तभी आगे बढ़ पाओगे,” उन्होंने बच्चों को समझाया।
आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस
आंगनबाड़ी केंद्रों के निरीक्षण में उन्होंने देखा कि बच्चों को उनकी संख्या के अनुसार पोषण मिल रहा है या नहीं। साथ ही गर्भवती महिलाओं को ‘कोरिया मोदक’ (पोषण आहार) वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
रामगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की साफ-सफाई से वे संतुष्ट नजर आईं, जबकि उज्ञाव के उप-स्वास्थ्य केंद्र में उन्होंने कहा कि ओपीडी के साथ-साथ गांवों में नियमित स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएं और स्कूल-आंगनबाड़ियों में बच्चों की मौसमी जांच की जाए।
खेतों में पैरों से महसूस की खेती
कलेक्टर जब सांवा और अरहर की फसलों से लहलहाते खेतों में पहुँचीं तो उन्होंने खुद मिट्टी की नमी और फसल की स्थिति देखी। किसानों से बात कर खाद-बीज की उपलब्धता और खेती की चुनौतियों को समझा। उन्होंने जल स्तर बढ़ाने के लिए “5 प्रतिशत मॉडल” और 4×4 फीट के सीढ़ीनुमा सोख्ता गड्ढों की सलाह दी।
गांवों की समस्याओं पर मिला खुला मंच
ग्रामीणों से सीधा संवाद कर उन्होंने सड़क, पुल, बिजली और पानी की समस्याएं सुनीं। मौके पर मौजूद एसडीएम और ग्राम सचिव को तत्काल प्रस्ताव बनाकर भेजने के निर्देश दिए। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के अधूरे मकानों को जल्द पूर्ण कराने की हिदायत भी दी।