- कहते हैं कि किसी बात का दावा और घोषणा भी कई मौके पर मुसीबत का सबब बन जाती है.
- ऐसा ही कुछ हुआ छत्तीसगढ़ में नई कांग्रेस सरकार के साथ.
- छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनते ही किसानों का कर्जा माफ, पच्चीस सौ रुपये में धान खरीदी जैसे अहम निर्णय लिए गए, जिसके बाद कांग्रेस के ही घोषणापत्र में शामिल बिजली बिल हाफ और संपत्तिकर में पचास फीसदी की छूट अब सरकार के लिए मुसीबत बन रही है.
- दरअसल कर्जा माफी और समर्थन मूल्य पर सरकार के द्वारा लिए गए निर्णयों के बाद कई लोगों ने बिजली बिल और संपत्तिकर जमा करना करने में आनाकानी कर रहे हैं. क्योंकि वे सरकार की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं, जिसे लेकर अब खुद मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की हैं कि वे बिजली बिल हो या फिर संपत्तिकर समय पर जमा करें. जब सरकार इस सबंध में निर्णय लेगी तो लाभ सभी को मिलेगा.
- भले ही सीएम इसे लेकर जनता से अपील कर रहें हो, मगर बीजेपी सीएम के इस अपील पर तंज कसते हुई वादा खिलाफी का आरोप लगा रही है.
- छत्तीसगढ़ भाजपा के उपाध्यक्ष सुनील सोनी का कहना है कि सरकार अब उपभोक्ताओं के साथ वादाखिलाफी कर रही है.
- छत्तीसगढ़ बीजेपी कांग्रेस ने भले ही चुनाव जीतने के लिए ऐसे घोषणाएं किए हो, मगर अब यहीं घोषणाएं कांग्रेस की सरकार बनने पर उन्हीं के लिए मुसीबत का सबब बन रहे हैं.
- बहरहाल देखना होगा की सीएम बघेल के इस अपील का लोगों पर कितना असर पड़ता है.
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