उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण समिति की बैठक में एक दिन में 22 मामलों की सुनवाई, पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पक्ष रखा गया

रायपुर। आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा की अध्यक्षता में नवा रायपुर स्थित आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान में उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति की अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक की खास बात यह रही कि समिति ने एक ही दिन में कुल 22 प्रकरणों की सुनवाई और समीक्षा की।
इस बैठक में समिति ने पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्षकार को सुनवाई का अवसर प्रदान किया, जिससे प्रक्रिया अधिक सरल, पारदर्शी और समयबद्ध बनी। कुल 12 प्रकरणों में प्रत्यक्ष सुनवाई की गई, जिनमें से 10 मामलों में पक्षकार स्वयं उपस्थित हुए। एक प्रकरण में अंबिकापुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पक्ष रखा गया, जबकि एक पक्षकार अनुपस्थित रहा।
इसके अतिरिक्त 10 अन्य प्रकरण समिति के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत किए गए। इस तरह समिति ने कुल 22 मामलों की सुनवाई करते हुए 5 प्रकरणों में सुनवाई पूर्ण कर आदेश जारी करने के निर्देश दिए। वहीं 17 मामलों में जाति प्रमाण पत्र धारकों को अंतिम अवसर प्रदान करते हुए आगामी बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए।
समिति द्वारा नियमित रूप से बैठकें आयोजित कर जाति प्रमाण पत्र एवं सामाजिक प्रस्थिति से जुड़े मामलों का निपटारा किया जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय से संबंधित मामलों में भी नियमानुसार निष्पक्ष और समयबद्ध सुनवाई सुनिश्चित की जा रही है। बैठक में बड़ी संख्या में पक्षकारों और अधिवक्ताओं ने अपने तर्क प्रस्तुत किए।
बैठक में आयुक्त आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास डॉ. सारांश मित्तर, आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की संचालक हिना अनिमेष नेताम, लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक ऋतुराज रघुवंशी सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे। वहीं भू-अभिलेख संचालक विनीत नंदनवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों एवं छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) अधिनियम 2013 के तहत गठित यह 7 सदस्यीय समिति अर्द्ध-न्यायिक स्वरूप में कार्य करते हुए निष्पक्ष और त्वरित निर्णय सुनिश्चित कर रही है।




