रायपुर । ये उस समय की बात है जेबी टीवी आम लोग के लिए बहुत खास हुआ करता था और हर किसी के घर में टीवी नी हुआ करता था। टीबी दूरदर्शन चैनल ही था जिसमें रविवार से रविवार तक रामायण प्रसारित होता था। जिसे देखने के लिए लोग एक दूसरे के घरो में जाया करते थे। और जेबी कोरोना कल माई ये रामायण दोबारा प्रसारित किया गया टीबी सभी के दिलो मैं राम और सीता के साथ साथ शुद्ध रामायण के किरदारो ने सभी दर्शकों के दिलो में खास जगह बना लिया। आप सबको भी ये रामायण अच्छे से याद ही होगी जिसे आप भावनात्मक रूप से काफी भावुक महसूस करेंगे। वैसे देखा जाए तो इस सीरियल के सभी कलाकारों को दर्शकों से बहुत सम्मान मिला है।
जैसे लोग कभी भूल नहीं पाऐगें। लेकिन सीता माता का रोल करने वाली सीता दीपिका चिखालिया और राम का रोल करने वाले अभिनेता अरुण गोवेल की इस सीरियल से जिंदगी ही बदल गई है। बचपन से ही बहुत खूबसूरत नजर आने वाली ये एक्ट्रेस मुंबई में ही रहती थी। इनके पिता सी.ए. थे। ये एक्ट्रेस मुंबई के ऐसे एरिया में रहती थी जहां बहुत सारे ऐड मेकर्स रहते थे। इसलिए बचपन में ही एक्टिंग का मौका मिला पर पढ़ाई डिस्टर्ब ना हो इसलिए उनके घर वालों ने फिल्मो में काम करने से मना कर दिया था। दीपिका ने फिल्म इंडस्ट्री में फिल्म सुन मेरी लैला से कदम रखा था। पर ये फिल्म इनकी फ्लॉप रही। फिर इनके और भी फिल्में आये जैसे घर संसार, भगवान दादा। पर इन सब फिल्मों से भी इनको लोकप्रियता नी मिल सकी।
फिल्म इंडस्ट्री में इन्हें नाम फेम नी मिला तो ये टीवी सीरियल्स में आ गई। पर फिल्म इंडस्ट्री में बने रहने के लिए ये कुछ बी ग्रेड फिल्म साइन कर ली। याहा इन्हें हॉट अर इंटिमेट सेंस भी देने पड़े थे। फिर टीवी सीरियल विक्रम बेताल में आई यहां उनके रोल को सभी ने कभी पसंद किया। क्या सीरियल के निर्माता रामानंद सागर उसी समय रामायण बना रहे थे, तब इसकी भनक दीपिका को लगी थी, दीपिका ने रामानंद सागर से कहा कि उन्हें भी रामायण में काम करना है। कि सीता जी का किरदार इन्हें इतनी आसानी से नहीं मिला था ये बात खुद दीपिका ने एक रियलिटी शो में बताई थी।उन्हें बताया गया कि जब लव कुश के रोल के लिए ऑडिशन चल रहा था तब रामानंद जी का दीपिका को कॉल आया था कि तुम भी आ जाओ सीताजी के ऑडिशन के लिए। टीबी दीपिका को बुरा लगेगा अर उन्हें कहा कि मैं आपके साथ 2-3 सीरियल पहले ही कर चुकी हूं, फिर भी आपको मेरा ऑडिशन लेने की जरूरत हो गई है।
टीबी रामानंद जी ने कहा कि सीता ऐसी लगनी चाहिए कि मुझे परिचय देना पड़े। वो जब अपनी बहनों के साथ चले तो दर्शक खुद सीता को पहचान लें कि ये हैं सीता जी। दीपिका को सीता जी के रोल के लिए 4-5 स्क्रीन टेस्ट देने पड़े फिर जा के तो उनका सिलेक्शन हुआ। पर सीता के रूप में दीपिका का खूब विरोध भी किया गया, क्योंकि इन्हें टीबी बी ग्रेड फिल्मो में इंटीमेट सीन्स मिले थे, ऐसे मेरे लोगो को ये सीता के रूप में पसंद नहीं आ रही थी। पर ये विरोध ज्यादा नहीं था क्योंकि लोगो को ज्यादा पता ही नहीं था कि ये पूरी फिल्म में काम भी कर चुका हूं। इसलिए ये विरोध सिमित रहा। कहा जाता है कि दीपिका ने फिर अपनी सादगी, सुंदरता और अभिनय का ऐसा असर दिखाया कि जो लोग विरोध कर रहे थे उनका भी मुंह बंद हो गया।
रामायण के कुछ एपिसोड्स ने ही इन्हें माता सीता के रूप में स्थापित किया। लोगो के मन में इनकी ऐसी आदर्श छवि बन गई जिसे छोड़ना किसी के लिए भी आसान नहीं था। क्या सीरियल से तुरंत प्रधानमंत्री राजीव गांधी इतना प्रभावित हुए कि उन्होनें चंद रामायण के एपिसोड्स खत्म होते ही रामानंद सागर को शुद्ध उनकी टीम के साथ बुलाया और उनसे मिले।टीबी दीपिका को एहसास हुआ कि वो कितनी मशहूर हो चुकी है। अब जो नाम फेम और सम्मान इन्हे इस सीरियल से मिली वो कभी ऐसा सपने में भी नी सोची थी। क्या सीरियल से इन्हें स्टारडर्म मिला ही साथ ही उन्हें ये महसस हुआ कि ये अब दुनिया के लिए दीपिका नहीं सीता जी बन चुकी हैं। टीबी लोग सीता जी एमटीएलबी दीपिका के पास अपने बच्चों के लेकर उनके पास आने लगेंगे कि वो उन्हें आशीर्वाद दे। ये सब दर्शको के लिए बिल्कुल अजीब नहीं था पर दीपिका को बहुत अजीब लगता था। पर इस सीरियल से लोग बहुत ज्यादा इमोशनली अटैच हो गए थे।
जेबी रामायण की कहानी खत्म होने वाली थी टीबी रामानंद सागर जी को ये समझ आ गया था कि लोगों के लिए ये रामायण के पात्र बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हैं लोग इन्हें ही राम सीता और लक्षण समझते हैं।इसलिए रामानंद जी ने विशेष रूप से राम सीता और लक्ष्मण को समझाया वो लोग जब भी लोगो के बीच में जाए तो अपने रोल को याद रखे और अपने फेहनावे पर खास ध्यान रखे। ताकी लोगो के बीच किरदारों का सम्मान बना रहे और उनके इमोशन्स को नुकसान न पहुंचे। टीबी दीपिका महज़ 22 – 23 साल की ही थी।
उस उमर में लडकिया वेस्टर्न ड्रेसेज पेहनना पसंद करती हैं। पर इस सीरियल को करने के बाद दीपिका ने अपने इस सम्मान को बनाया रखा था और वह कभी भी पब्लिक प्लेस पर साड़ी पेहनकर निकलती थी। साथ ही इधर उन्हें अपने करियर को लेकर भी समझ में आना पड़ा, और इसके करियर को काफी ज्यादा नुकसान हुआ।
क्या सीरियल के बुरे से दीपिका को कोई अपनी फिल्म में नहीं लेना चाहता था क्योंकि अब उन्हें कोई रोमांटिक या हल्के फुल्के सेंस अच्छे ही नहीं लगते थे। अब इन्हें सिर्फ बहन, भाभी जैसी ही भूमिकाएं ऑफर करती हैं। ऐसे ही दीपिका के पास ऑफर बहुत कम आने लगा।दीपिका ने राजेश खन्ना के साथ कुछ फिल्मों में काम किया जैसी फिल्म घर का चिराग, रुपया दस करोड़ और खुदाई। फिल्मो के बैड मीडिया में दीपिका का नाम राजेश खन्ना है और साथ में जोड़कर ने उनकी इमेज खराब की है लेकिन दीपिका ने इस वक्त अरेंज मैरिज की है लेकिन सभी को मुंह तोड़ जवाब दिया है।
दीपिका ने एक बिजनेस मैन से शादी कर ली थी। दीपिका की शादी में राजेश खन्ना भी आए थे। इनकी 2 बेटियां हैं निधि और जूही. दीपिका पॉलिटिक्स में भी अपनी किस्मत आजमाई। और शादी के बाद इन्होने भाजपा ज्वाइन की और अपनी लोकप्रियता से वो संसद सदस्य भी चुनी गई। कुछ सालो के बाद पॉलिटिक्स में रहने के बाद दीपिका के एक पति का बिजनेस शिल्पा गोल्ड बिंदी का मार्केटिंग एलजी और पति के साथ ही बिजनेस में साथ देती है। एक रोल ही उसपे इतना भारी पड़ गया कि उनका करियर उस रोल ने ख़त्म कर दिया।
दीपिका को लोग सीता के रोल के अलावा किसी और रोल में देखना पसंद ही नहीं किया। लेकिन फिर हिम्मत करके 28 साल बाद दीपिका फिल्मी पर्दे में सामने आई और फिर फिल्म बाला में यामी गौतम की मां बनकर वापस आएंगी। फिर वो फिल्म गालिब में नजर आई जहां वो एक मुस्लिम आंतकवादी की मां का रोल था इस लिए उनके यहां भी खूब आलोचना का सीकर होना पड़ा पर फिर भी दीपिका का मानना है कि वो अपने फैंस के लिए आगे भी फिल्म में काम करेंगे। आज के ज़माने की बात करें तो आज भी एक से बढ़कर एक एक्ट्रेस है।