छत्तीसगढ़–तेलंगाना बॉर्डर पर सबसे कुख्यात माओवादी माड़वी हिडमा ढेर, सुरक्षा बलों की साल की दूसरी बड़ी कामयाबी

रायपुर। भारत के सबसे खतरनाक और वांछित माओवादियों में गिने जाने वाले माड़वी हिडमा का अंत आखिरकार हो गया। मंगलवार सुबह करीब 6 बजे छत्तीसगढ़–तेलंगाना बॉर्डर पर सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में केंद्रीय समिति सदस्य हिडमा, उसकी पत्नी राजे सहित कुल 6 नक्सली ढेर कर दिए गए।
यह ऑपरेशन नक्सल उन्मूलन मिशन में इस साल की दूसरी सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है। इससे पहले मई में सुरक्षाबलों ने माओवादियों के पूर्व महासचिव नम्बाला केशव उर्फ बसवा राजू को भी मार गिराया था।
आंध्र प्रदेश से बड़ी कार्रवाई: 50 नक्सली गिरफ्तार
इसी बीच आंध्र प्रदेश पुलिस ने भी नक्सल नेटवर्क पर बड़ा प्रहार किया है। 17 नवंबर से चले अभियान में पुलिस ने 50 माओवादियों को गिरफ्तार किया।
उनके पास से भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और गोला-बारूद बरामद किया गया है। जंगलों में बड़े पैमाने पर फोर्स तैनात कर यह अभियान सफल किया गया।
कौन था माड़वी हिडमा?
जन्म: 1981, पुरवती गांव, सुकमा
पद: PLGA बटालियन नंबर-1 का प्रमुख – माओवादियों की सबसे घातक स्ट्राइक यूनिट
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सबसे युवा सदस्य
बस्तर क्षेत्र का एकमात्र आदिवासी जिसे यह पद मिला
इनाम: ₹50 लाख
26 से अधिक बड़े हमलों का मास्टरमाइंड
2013 झीरम घाटी हमला – 27 लोगों की मौत, जिनमें शीर्ष कांग्रेस नेता शामिल
2010 दंतेवाड़ा हमला – 76 CRPF जवान शहीद
2017 सुकमा हमला – कई जवान शहीद
2021 सुकमा-बीजापुर एन्काउंटर – 22 सुरक्षाकर्मी शहीद
हिडमा को बस्तर में माओवादी हिंसा का सबसे कुख्यात चेहरा माना जाता था।
“31 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़” — IG सुंदरराज
IG पी. सुंदरराज ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बस्तर में सुरक्षा बलों ने निर्णायक बढ़त हासिल की है।
पिछले 20 महीनों का रिकॉर्ड:
450+ नक्सली ढेर
2200 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल
टॉप कमांडर बसवराजू समेत कई बड़े नेताओं का सफाया
उन्होंने कहा कि मौजूदा गति बरकरार रही तो 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य संभव है।




