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TI ने विधायक को फोन कर कहा था- मत जाइये उस रास्ते से पर नहीं माने
रायपुर
- तो क्या भीमा मंडावी ने TI की बात नहीं मानकर मौत को बुला लिया ?
- क्या मनाही के बावजूद विधायक भीमा मंडावी उस रास्ते से चले गये…..?
- SP अभिषेक पल्लव ने भी ग्राउंड जीरो पर ये बातें कही कि TI ने विधायक भीमा मंडावी को मना किया था वो उस शार्टकट रास्ते से नुकुलनार की तरफ ना जायें !….अब उसी बात को डीजीपी डीएम अवस्थी ने भी दोहराया है।
- CM की इमरजेंसी मीटिंग के बाद मीडिया से बातचीत में डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा कि TI शील आदित्य सिंह ने विधायक को फोन कर उस रास्ते से जाने से मना किया था, बावजूद विधायक नहीं माने और ये हादसा हो गया।
- वारदात की पूरी बातें डीजीपी डीएम अवस्थी ने मीडिया में बयां किया….उन्होंने कहा कि …
- “आज सुबह 9 अपने तीन गाड़ियों के काफिले के साथ विधायक चुनाव प्रचार में गये थे। बुलेट प्रूफ गाड़ी में वो खुद बैठे थे।
- उनकी सुरक्षा में 50 जवानों का दल, 25 बाइक पर सवार होकर चल रहा था। दोपहर बाद करीब 1 बजे चुनाव प्रचार खत्म कर, तो वो पार्टी कार्यालय आये।
- वहां उन्होंने डीआरजी के प्रभारी को कहा कि अब चुनाव प्रचार खत्म हो गया है, इसलिए अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत नहीं है।
- दंतेवाड़ा पार्टी कार्यालय में वो कुछ देर रूके, वहीं से डीआरजी की टीम लौट गयी।
- उसके बाद वो किरंदुल पार्टी कार्यालय गये और वहां कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
- वहां से वो पार्टी दफ्तर से वो बचेली के लिए निकले, उनके साथ तीन गाड़ियों का काफिला था।
- घटना की खबर कुआकोंडा के टीआई को खबर लगी।
- इसके तुरंत बाद टीआई शील आदित्य सिंह ने मोबाइल के जरिये विधायक भीमा मंडावी से संपर्क किया, करीब 3 बजकर 50 मिनट पर थाना प्रभारी ने विधायक को फोन कर कहा कि, आप शार्टकट वाले रास्ते से कुंआकोंडा मार्ग पर मत जाइये, उस रास्ते पर आरओपी नहीं गयी है, चलती गाड़ी में ही विधायक बात कर रहे थे, वो गाड़ी से आगे बढ़ते चले गये। करीब 1 मिनट 29 सेकंड की ये बातचीत हुई।
- शाम 4 बजकर 45 मिनट पर नक्सलियों ने विधायक की गाड़ी को निशाना बनाया और विस्फोट से उड़ दिया।
- इस घटना में विधायक भीमा मंडावी और एक आरक्षक ड्राइवर और उनके तीन पीएसओ मारे गये हैं”