“शांति की दौड़ में ट्रंप की उम्मीदों पर लगा ब्रेक!”

नोबेल शांति पुरस्कार 2025 की घोषणा से पहले ही डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लग गया है। ट्रंप, जो खुद को वैश्विक शांति का ‘नायक’ मानते हैं, अब इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से बाहर हो गए हैं। नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी ने साफ किया है कि गाज़ा संघर्षविराम समझौते से पहले ही चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी।
ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने सिर्फ 9 महीनों में 8 युद्धों को खत्म कराया — जिसमें इजरायल-ईरान, भारत-पाकिस्तान, मिस्र-इथियोपिया जैसे संघर्ष शामिल हैं। उनका कहना है कि यह “इतिहास में किसी ने नहीं किया”, और यह काम उन्होंने नोबेल के लिए नहीं, बल्कि “जिंदगियां बचाने” के लिए किया।
लेकिन AFP की रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप की जीत की संभावना “शून्य” है।
ट्रंप का नोबेल प्रेम नया नहीं है। 2020 में जब वे यह पुरस्कार नहीं जीत पाए थे, तो उन्होंने आरोप लगाया था कि नोबेल पुरस्कार प्रणाली ‘धांधली’ से भरी हुई है।
इस बार जब वे व्हाइट हाउस में फिनलैंड के राष्ट्रपति स्टब से मिल रहे थे, तो उन्होंने खुद को एक बार फिर ‘दावेदार’ की तरह प्रस्तुत किया — लेकिन अब कमेटी का फैसला हो चुका है।
पिछले साल यह पुरस्कार जापानी संगठन “निहोन हिडांक्यो” को मिला था, जो परमाणु निरस्त्रीकरण की वकालत करता है।




